Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सड़कों पर पानी ही पानी... घरों में पीने की किल्लत, ऐसा क्या हो गया कि हजारों लोग परेशान

    पलवल की कृष्णा कॉलोनी में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा दूषित पानी की आपूर्ति की जा रही है जिससे निवासी परेशान हैं। पानी पीने और कपड़े धोने लायक भी नहीं है इसलिए लोग पानी खरीदने को मजबूर हैं। गंदे पानी से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है और निवासियों ने अधिकारियों से शिकायत की है। विभाग के जेई ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।

    By Ankur Agnihotri Edited By: Rajesh Kumar Updated: Sat, 23 Aug 2025 11:30 AM (IST)
    Hero Image
    पलवल की कृष्णा कॉलोनी में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा दूषित पानी की आपूर्ति की जा रही। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पलवल। जनस्वास्थ्य विभाग कृष्णा कॉलोनी के घरों में दूषित पानी की आपूर्ति कर रहा है। पानी इतना दूषित है कि पीने की बात तो दूर, कपड़े धोने लायक भी नहीं है। कॉलोनीवासी बेहद परेशान हैं। लोगों को पीने के लिए भी पानी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते कॉलोनीवासी अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी खरीदने को मजबूर हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि कृष्णा कॉलोनी में आईटीआई बूस्टर से पानी की आपूर्ति होती है। लोगों का कहना है कि पिछले एक महीने से नलों से इतना गंदा पानी आ रहा है कि पानी से भयंकर बदबू आ रही है और पानी का रंग इतना गंदा है कि फिटकरी डालने के बाद भी साफ नहीं हो रहा है।

    ऐसे में कपड़े धोने के लिए भी इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गंदे और बदबूदार पानी के कारण हमारे घरों में बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। पानी वैसे भी कम मात्रा में आता है और अगर उसमें भी इतना गंदा पानी आएगा तो हम अपने रोजमर्रा के काम कैसे कर पाएंगे।

    स्थानीय लोगों ने बताया कि गंदे पानी की आपूर्ति के कारण लोगों को पीने के लिए पानी खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। साथ ही, नलों से आ रहे बदबूदार पानी से बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। जनस्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही के कारण लोगों का अधिकारियों के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

    कॉलोनीवासियों ने बताया कि नलों में लगभग आधे घंटे तक गंदा और झागदार पानी आता है। इसके बाद पानी साफ हो जाता है, लेकिन उसमें बदबू बनी रहती है।

    कॉलोनी के कई लोग जल जनित बीमारियों की चपेट में हैं। जब वे डॉक्टर के पास गए, तो डॉक्टर ने पीने का पानी बदलने को कहा। लेकिन कोई विकल्प नहीं है। बीमारी के कारण बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं। पानी इतना गंदा है कि उसे देखते ही उल्टी आने का मन करता है। लेकिन हम मजबूरन वही पानी पी रहे हैं।

    जनस्वास्थ्य विभाग जलापूर्ति को लेकर बेहद लापरवाही बरत रहा है। लोगों को दूषित पानी देकर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा दूषित पानी पीकर कॉलोनीवासियों का बीमार पड़ना तय है।

    -सत्यवती।

    इस मौसम में लोग पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा के लिए भटक रहे हैं। शहर के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता। जन स्वास्थ्य विभाग को शहर की भोली-भाली जनता को उसी अधिकार से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना चाहिए जिस अधिकार से वह पानी के बिल वसूलता है।

    -संतलाल

    लोग अपनी दैनिक ज़रूरतों के लिए पानी खरीद रहे हैं। ऐसे में उन्हें दो बिल चुकाने पड़ रहे हैं, जिससे उन पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है। नलों में आने वाला पानी पीने योग्य नहीं है। इस वजह से लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, घरों में लगे नलों से आने वाले पानी का बिल भी उन्हें चुकाना पड़ रहा है।

    -दीपक सेन

    गंदा पानी पीकर बच्चे और बड़े बीमार हो रहे हैं। पहले भी कई अधिकारियों को शिकायत दी गई थी। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। लेकिन विभाग प्रशासन कार्रवाई के नाम पर आंखें मूंदे बैठा है।

    -सविता शर्मा

    इस बारे में जन स्वास्थ्य विभाग के जेई प्रिंस जैन ने बताया कि इस बारे में किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। दैनिक जागरण के माध्यम से जानकारी मिली है। शनिवार को कर्मचारियों को भेजकर समस्या का समाधान कराया जाएगा।