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Hathras Stampede: काश... पति के रोकने पर रुक जातीं पलवल की चंद्रवती, हाथरस भगदड़ में गई जान

Hathras Incident हाथरस में हुई भगदड़ में कई जिलों की महिलाओं की मौत हुई है। उनमें पलवल की चंद्रवती भी शामिल हैं। वो हर सत्संग में जाती थीं। उनके पति का कहना है कि वो उन्होंने हाथरस में सत्संग में जाने से रोका था लेकिन वो नहीं मानी। हाथरस में वो भी भगदड़ का शिकार हो गईं। पलवल से सत्संग में 20 महिलाएं गई थीं।

By Ankur Agnihotri Edited By: Geetarjun Published: Wed, 03 Jul 2024 04:56 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 04:58 PM (IST)
हाथरस के सत्संग में पलवल की चंद्रवती की भी हुई मौत।

कुलवीर चौहान, पलवल। उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में पलवल की 54 वर्षीय महिला की भी मौत हो गई। पलवल के सोहना रोड स्थित कृष्णा कॉलोनी की रहने वाले चंद्रवती करीब 20 वर्षों से भोले बाबा के सत्संग में जा रही थीं।

सत्संग में वह सेवादार का कार्य करती थी। बुधवार सुबह जब चन्द्रवती का शव घर पहुंचा तो चीख पुकार मच गई। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।

हर सत्संग में जाती थीं चंद्रवती

सत्संग में महिलाओं को अपनी गाड़ी से लेकर गए चंद्रवती के पुत्र कुलदीप ने बताया कि उनकी माता चंद्रवती करीब 20 साल से भोले बाबा से जुडी हुई थी और सेवादार का काम करती थीं। वह उनके हर सत्संग में जाती थीं। करीब चार माह पहले वह मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुए सत्संग में भी गई थी।

चार गाड़ियों से 20 महिलाएं गईं

मंगलवार को सत्संग उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुआ था। इस सत्संग में करीब 20 महिलाएं चार गाड़ियों में गईं थी। वह मंगलवार सुबह करीब छह बजे घर से निकले थे। उनकी माता चंद्रवती महेंद्र की गाड़ी में अन्य महिलाओं के साथ मौजूद थीं।

महिलाओं के शव जाते देखे

सत्संग खत्म होने के बाद करीब दो बजे वह महिलाओं को लेकर गाड़ी से निकला। कुछ दूर चलने पर उसे रास्ते में दूसरी गाड़ियों में महिलाओं के शव जाते हुए दिखाई दिए। उसने तुरंत अपनी माता को फोन मिलाया, मगर फोन नहीं उठाया।

इसके बाद उसने महेंद्र को फोन मिलाया तो उसने बताया कि सत्संग में भगदड़ मच गई है। उसकी गाड़ी में आई सभी महिलाऐं आ चुकी हैं, केवल उसकी माता चंद्रवती नहीं आई हैं। वह चंद्रवती को ढूंढ रहे हैं। मगर काफी देर बाद भी चंद्रवती का पता नहीं चल पाया। 

एटा के सरकारी अस्पताल में था शव

कुलदीप के अनुसार, वह अपनी गाड़ी में सवार महिलाओं को मौके पर ही उतारकर अपनी माता को ढूंढने के लिए पास के ही सरकारी अस्पताल में गया, मगर उसकी माता का पता नहीं चल सका। रात को करीब नौ बजे उसकी माता का शव एटा के सरकारी अस्पताल में मिला।

इसके बाद उसने अपने स्वजन को सूचित किया। सुबह करीब साढ़े तीन बजे वह शव का पोस्टमार्टम करवाकर घर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने शव का अंतिम संस्कार किया। 

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अगर मान लेतीं पति की बात...

पति बरसम लाल ने बताया कि उन्होंने गर्मी अधिक होने की वजह से चंद्रवती को सत्संग में जाने के लिए मना किया था। मगर चंद्रवती ने कहा कि सत्संग पास में ही है, वह शाम तक घर लौट आएगी। चंद्रवती की मौत के बाद पूरे घर में मातम छाया हुआ है।


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