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Palwal Pollution: पलवल में भी प्रदूषण पर सख्त एक्शन, दिल्ली की तर्ज पर GRAP-2 की ये पाबंदियां लागू

दिल्ली से सटे पलवल जिले में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का दूसरा चरण सख्ती से लागू करने के जिला अधिकारी ने आदेश दे दिए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा पहले से लागू स्टेज-एक की पाबंदियां भी पहले की तरह लागू रहेंगी। खबर के माध्यम से पढ़ें किन-किन चीजों पर रोक रहेगी।

By Ankur Agnihotri Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 05 Nov 2024 05:48 PM (IST)
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Delhi Pollution: प्रदूषण को देखते हुए ग्रेप का दूसरा चरण सख्ती से हो लागू- डीसी।
जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल जिले में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का दूसरा चरण सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। जिला उपायुक्त ने यह आदेश जारी किए हैं।

आदेश में कहा गया है कि हवा की गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसके अलावा पहले से लागू स्टेज-एक की पाबंदियां भी जारी रहेंगी। यह कदम वायु प्रदूषण (Palwal Air Pollution) के गंभीर स्तर को देखते हुए उठाया गया है, ताकि लोगों को स्वस्थ और स्वच्छ हवा मिल सके।

उल्लेखनीय है कि जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, मंगलवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 220 तक जा पहुंचा। यह स्तर खराब श्रेणी में आता है। इसी को देखते हुए जिला उपायुक्त ने यह आदेश जारी किए हैं।

जीआरएपी-दो के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण उपायों को किया गया शामिल

जिला उपायुक्त हरीश वशिष्ठ ने बताया कि जीआरएपी-दो के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण उपायों को शामिल किया गया है, जो वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक होंगे। इसमें तात्कालिक उपाय, जैसे कि सड़क धूल नियंत्रण और यातायात प्रबंधन के साथ-साथ दीर्घकालिक रणनीतियां भी शामिल हैं।

जैसे कि स्वच्छ ऊर्जा और परिवहन को बढ़ावा देना। यह निर्णय खराब वायु गुणवत्ता के मद्देनजर लिया गया है। एक्यूआईसीएन वेबसाइट के अनुसार, राजधानी के कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता खराब से बेहद खराब दर्ज की गई है।

हरीश वशिष्ठ, जिला उपायुक्त।जागरण

उपायुक्त ने बताया कि यह कार्रवाई वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निजी वाहनों की बजाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें, तकनीक का प्रयोग करें।

ऐसे रूट का प्रयोग करें जो बेशक लंबा हो लेकिन खुला हो, ऑटोमोबाइल में एयर फिलटर नियमित रूप से बदलें, जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्य करने व खुले में सोलिड वेस्ट व बायोमास जलाने से बचें।

ग्रेप के इन उपायों को किया जाएगा सख्ती से लागू

रोजाना सड़कों की वैक्यूम स्वीपिंग और जल छिड़काव करके सड़क धूल पर रोकथाम लगाई जाएगी। मुख्य सड़कों पर और भारी यातयात वाले रास्तों पर धूल के कणों को बढ़ने से रोकने की कोशिश करने वाले यंत्रों का प्रयोग किया जाएगा। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण की सख्त निगरानी होगी। हॉटस्पाट्स में वायु प्रदूषण कंट्रोल किया जाएगा।

डीजल जनरेटर (डीजी सेट्स) पर निर्भरता कम करने के लिए स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। डीजी सेट्स के संचालन के लिए निर्धारित समय-सारणी का सख्ती से पालन सुनिश्चित होगी। यातायात की गति को सुगम बनाने के लिए यातायात को समकालिक करना और जाम वाले स्थानों पर स्टाफ की तैनाती होगी।

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