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चौटाला परिवार में नया विवाद, अब भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह बने झगड़े की वजह, निशाने पर ओमप्रकाश चौटाला

Chautala Family Dispute हरियाणा के चौटाला परिवार में फिर घमासान मच गया है। अब झगड़े की वजह बने हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह। बीरेंद्र सिंह के एक बयान के बाद पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला निशाने पर आ गए।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 01:52 PM (IST)
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पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला और हरियाणा के डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला। (फाइल फोटो)
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Chautala Family Dispute: चौटाला परिवार में एक बार फिर विवाद उबाल पर है।  इस बार चौटाला परिवार में विवाद का कारण बने हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह। उनके एक बयान के कारण पूर्व मुख्‍यमंत्री असैर चौटाला परिवार के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला निशाने पर आ गए हैं।  बीरेंद्र सिंह के इस बयान के बाद ओमप्रकाश चौटाला के पोतों हरियाणा के उपमुख्‍यमंंत्री दुष्‍यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला ने निशाना साध दिया। इसके बाद अभय चौटाला ने भी पलटवार किया।   

दरअसल अपने जन्मदिन पर आयोजित उचाना रैली में बीरेंद्र सिंह ने कहा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने विधायकों को उनकी बेटी के विवाह समारोह में आने से रोका था। माना जा रहा है कि उनका इशारा पूर्व मुख्‍यमंंत्री ओमप्रकाश चौटाला की ओर था। जननायक जनता पार्टी के महासचिव दिग्विजय चौटाला ने इसे बीरेंद्र सिंह का अपने दादा ओमप्रकाश चौटाला पर हमला कर वाहवाही बटोरी।  दुष्‍यंत चौटाला ने भी दादा पर निशाना साधा। 

बीरेंद्र ने कही थी बेटी के विवाह में सीएम द्वारा विधायकों को रोके जाने की बात

इसके बाद इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ने अपने भतीजों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को इसका जवाब देने में जरा भी देरी नहीं लगाई। अभय चौटाला ने अपने भाई अजय चौटाला व भतीजों को नसीहत दी कि वह बार-बार हमारा परिवार-हमारा परिवार का राग न अलापें। गद्दारों के साथ हर तरह के रिश्ते ओमप्रकाश चौटाला बहुत पहले खत्म कर चुके हैं।

दिग्विजय चौटाला ने माफी मांगने को कहा तो अभय बोले गद्दारों से हमारा रिश्ता नहीं

चाचा-भतीजों की इस राजनीतिक लड़ाई की सत्ता के गलियारों में खूब चर्चा है। उचाना से फिलहाल दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। बीरेंद्र सिंह यहां से पांच बार, उनकी पत्नी प्रेमलता एक बार और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला भी विधायक रह चुके हैं। इनेलो महासचिव अभय चौटाला ने बीरेंद्र सिंह समेत कई नेताओं को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ राज्य में तीसरा मोर्चा बनाने की पेशकश दी थी।

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इस बात को अभय चौटाला ने बीरेंद्र सिंह के जन्मदिन पर आयोजित रैली में भी दोहराया। उनका यह प्रस्ताव कितना सिरे चढ़ता है, यह भविष्य की बात है, लेकिन अभय चौटाला की रणनीति फिलहाल बीरेंद्र सिंह से हाथ मिलाकर अपने भतीजे दुष्यंत चौटाला के विधानसभा क्षेत्र उचाना में कोई राजनीतिक गुल खिलाने की है।

अपने चाचा की इस रणनीति को भांपते हुए दुष्यंत के छोटे भाई दिग्विजय ने दो दिन पहले बयान दिया कि बीरेंद्र सिंह ने अपनी रैली के मंच से दादा ओमप्रकाश चौटाला की बेइज्जती की है और अभय चौटाला मंच पर बैठे-बैठे यह सब सुनते रहे। बीरेंद्र सिंह ने तब विभिन्न मुख्यमंत्रियों की कार्यप्रणाली का जिक्र करते हुए कहा था कि ऐसे-ऐसे मुख्यमंत्री भी हुए, जिन्होंने मेरी बेटी के विवाह समारोह में विधायकों को आने से रोका।

उन्होंने इस बात के लिए साल 2002 का जिक्र किया, उस समय चौटाला मुख्यमंत्री थे, लेकिन अगले दिन ही बीरेंद्र सिंह ने कहा कि मेरी बेटी का विवाह मार्च 1999 में हुआ था और मैं तभी की बात कर रहा था। उस समय मुख्यमंत्री बंसीलाल थे।

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साल 2002 या 1999 के चक्कर में पड़ने की बजाय दिग्विजय चौटाला ने बीरेंद्र सिंह और अभय चौटाला दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे दादा की बेइज्जती की गई है। चाचा मंच पर बैठे सब कुछ सुनते रहे। हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसलिए बीरेंद्र सिंह को अपनी बात के लिए माफी मांगनी चाहिए।

इस पर अभय चौटाला ने अपने भाई अजय सिंह और दोनों भतीजों को ठीक से लपक लिया। उन्होंने कहा कि वैसे तो बीरेंद्र सिंह सब कुछ स्पष्ट कर चुके हैं, लेकिन मैं अपने भाई और भतीजों से पूछना चाहता हूं कि वह बार-बार किस परिवार की दुहाई देते हैं। परिवार तो वह लोग खुद खत्म कर चुके। जिन व्यक्तियों को ओमप्रकाश चौटाला गद्दार कहकर अलग कर चुके हैं, उन्हें हमारे परिवार के बारे में किसी तरह की कोई चर्चा करने का हक नहीं है।

चौटाला परिवार की सियासत के बीच केजरीवाल भी लपेटे में

अभय चौटाला यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा कि हमारा अपने भाई और भतीजों से कोई रिश्ता नहीं है। ये लोग कभी हमारी चौखट पर आ भी गए तो मैं इनसे कोई राजनीतिक बात नहीं करने वाला हूं। इन लोगों ने अरविंद केजरीवाल से मिलकर ओमप्रकाश चौटाला को अस्पताल से बाहर निकलवाकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था।

अभय ने कहा कि जब चौटाला का एक्सीडेंट हुआ था, तब भी इनमें से कोई व्यक्ति उनका हाल चाल जानने नहीं आया। फिर किस मुंह से वह बार-बार हमारे साथ अपने पारिवारिक रिश्तों की दुहाई देते हैं। चौटाला क्लीयर कर चुके हैं कि गद्दारों के साथ किसी तरह के रिश्ते नहीं होते। इसलिए वह बार-बार रिश्तों की दुहाई देना बंद कर दें।

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