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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, राज्य में नहीं होगी पांचवीं व आठवीं की बोर्ड परीक्षा

हरियाणा सरकार ने आठवीं की बोर्ड परीक्षा न कराने का फैसला लिया है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पांचवीं व आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं को नहीं लिया जाएगा। कोविड-19 के कारण पढ़ाई न होना भी इसका एक कारण है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 22 Feb 2022 09:12 AM (IST)
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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में इस साल भी पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के विरोध के चलते प्रदेश सरकार ने मौजूदा शैक्षिक सत्र में आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं लेने का फैसला टाल दिया है। अब सभी स्कूल अपने स्तर पर परीक्षाएं ही ले सकेंगे। सरकार के इस फैसले से सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन) और आइसीएससी (इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन) से मान्यता प्राप्त स्कूलों को बड़ी राहत मिली है।

ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ सोमवार को बजट पूर्व चर्चा के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आगामी शैक्षिक सत्र से पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं होंगी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने पांचवीं व आठवीं कक्षा की परीक्षाएं लेने का निर्णय लिया था। इसके बाद कुछ अभिभावक व स्कूल प्रबंधक इस संबंध में उनसे मिले और कोविड महामारी के चलते प्रभावित हुई पढ़ाई का हवाला देते हुए इन्हें टालने का आग्रह किया। इसके बाद सरकार ने एक साल के लिए इन परीक्षाओं को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 28 फरवरी तक आठवीं कक्षा के लिए बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया हुआ है। इसका विरोध कर रहे आधे से अधिक स्कूलों ने अभी तक बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है जिससे टकराव की स्थिति बनी हुई थी। आइसीएससी ने बोर्ड से संबद्ध तमाम निजी स्कूलों को बाकायदा लिखित आदेश जारी कर दिया कि परीक्षा के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में रजिस्ट्रेशन न कराएं। सीबीएसई का भी नियम है कि एक कैंपस में दो बोर्ड की कक्षाएं नहीं लगाई जा सकतीं। इस नियम के चलते सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालक भी असमंजस में फंसे हुए थे। वहीं, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों का विरोध समय को लेकर था कि आनन-फानन में आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं का निर्णय ले लिया गया, जबकि इस साल भी कोरोना के चलते सही तरह से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो सकी है। न ही बाेर्ड परीक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार हुआ है जिससे बच्चों को तैयारी करने में मदद मिले।

सरकार ने बैठक से पहले ही दी राहत

बोर्ड परीक्षा पर छिड़े विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री ने निजी स्कूलों की 12 एसोसिएशन को 25 फरवरी को वार्ता के लिए बुलाया हुआ है। इनमें हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन, निसा, हरियाणा यूनाइटेड स्कूल एसोसिएशन, करनाल इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन, हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, एफआइसीसीआइ अराइज, रिकोगनाइज्ड यूनाइटेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, प्रोग्रेसिव प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, यमुनानगर डिस्ट्रिक पब्लिक स्कूल एसोसिएशन, पब्लिक स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन पलवल, प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन कैथल और गोल्डन वैली स्कूल के प्रतिनिधि शामिल हैं। बैठक से पहले ही मुख्यमंत्री ने परीक्षा स्थगित करने की घोषणा कर दी। एक दिन पहले शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने भी परीक्षा पर पुनर्विचार की बात करते हुए परीक्षा टलने के संकेत दे दिए थे।

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