1 दिन पहले कुमारी सैलजा ने CM नायब सैनी को दी थी बधाई, अब बताया तानाशाह; आखिर क्या है मामला?
हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने पर जारी आदेश से सियासत गरमा गई है। विपक्षी नेता नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) सरकार पर हमलावर हैं। कुमारी सैलजा सरकार पर हमला बोलते हुए इसे तानाशाही बताया है तो वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि किसानों पर जुर्माना लगाने और एफआईआर करने की बजाय सरकार को इसका समाधान खोजना चाहिए।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा में पराली जलाने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश पर राजनीति गरम हो गई है। विपक्षी नेता नायब सिंह सैनी सरकार पर हमलावर हैं। सिरसा सासंद कुमारी सैलजा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर हमला बोला है।
कुमारी सैलजा ने इसे तानाशाही बताया है तो वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसानों पर जुर्माना लगाने और एफआईआर करने की बजाय उन्हें इसका समाधान खोजना चाहिए।
क्या बोलीं सैलजा?
सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने एक्स पोस्ट शेयर कर कहा कि भाजपा सरकार का नया आदेश हरियाणा के किसानों पर एक और हमला है। पराली जलाने पर FIR के साथ 'रेड एंट्री' कर किसानों को अगले दो सीजन तक MSP पर फसल बेचने से रोकना न केवल तानाशाही है, बल्कि छोटे किसानों की रोजी-रोटी पर सीधा प्रहार है।
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उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने महंगी 'हैप्पी सीडर' मशीन खरीदने का सुझाव दिया है, पर क्या आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान इसे खरीद सकते हैं? किसानों को दंडित करने के बजाय सरकार को समाधान देना चाहिए।
गौरतलब हो कि एक दिन पहले ही कुमारी सैलजा ने एक दिन पहले ही नायब सिंह सैनी को हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी थी और कहा था कि मैं आशा करती हूँ कि यह सरकार प्रदेशवासियों के हित में कार्य करेगी। वहीं, अब उन्होंने सरकार पर हमला बोला है।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा समाधान ढूंढे सरकार
बता दें कि कुमारी सैलजा के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पराली जलाने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के आंकड़े बताते हैं कि पर्यावरण को खराब करने में पराली जलने का बेहद कम अंश होता है।
किसान मजबूरी में ऐसा कदम उठाते हैं। सरकार को किसानों पर जुर्माना लगाने, उन पर एफआईआर करने और 'रेड लिस्ट' करने की बजाय इसके समाधान पर काम करना चाहिए। भूपेंद्र हुड्डा ने शुक्रवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पराली का निस्तारण करे और किसानों से पराली की खरीद की जाए।
इसके लिए बाकायदा एमएसपी भी तय होनी चाहिए। किसानों के प्रतिनिधिमंडल से ज्ञापन लेते हुए हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने वादे के मुताबिक किसानों की धान को 3100 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर खरीदे। आज स्थिति यह है कि किसानों को एमएसपी तक नहीं मिल पा रही और उन्हें कम रेट में अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।