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Haryana News: हरियाणा में 10 साल में बदले 10 गृह सचिव, पांच साल से अतिरिक्त कार्यभार के सहारे चल रहा है विभाग

हरियाणा में पिछले 10 साल में 10 गृह सचिव बदले गए है। सीनियर आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार के रूप में गृह विभाग का कामकाज दिया जाता रहा है। ताजा प्रशासनिक फेरबदल में भी वित्त सचिव अनुराग रस्तोगी को अतिरिक्त कार्यभार के रूप में गृह विभाग दिया गया है। 1985 बैच के आईएएस पीके महापात्रा को नई भाजपा सरकार का पहला गृह सचिव लगाया गया था।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 07 Jul 2024 02:46 PM (IST)
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हरियाणा में पिछले 10 साल में बदले 10 गृह मंत्री (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में गृह सचिव का पद प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल नहीं है। राज्य में पिछले पांच साल से गृह सचिव का पदभार किसी आईएएस अधिकारी को स्वतंत्र रूप से नहीं मिला है।

प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारियों को गृह सचिव पद का दायित्व अतिरिक्त कार्यभार के रूप में ही सौंपा है। ताजा प्रशासनिक फेरबदल में भी वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को राज्य सरकार ने गृह सचिव का कार्यभार अतिरिक्त चार्ज के रूप में सौंपा है।

10 साल में 10 गृह सचिव

प्रदेश के वर्तमान मुख्य सचिव 1988 बैच के आईएएस टीवीएसएन प्रसाद पिछले एक साल से राज्य के गृह सचिव का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे थे, जिसे अब वापस लेकर 1990 बैच के आईएएस अनुराग रस्तोगी को सौंप दिया गया है। रस्तोगी का मुख्य कार्य वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का है।

अगस्त 2022 से अगस्त 2023 की अवधि को छोड़कर हरियाणा सरकार में नियमित तौर पर गृह सचिव तैनात नहीं किया गया है। करीब 10 वर्ष पूर्व हरियाणा में जब अक्टूबर 2014 में भाजपा की सरकार बनी थी, तब से लेकर अब तक प्रदेश में 10 गृह सचिव हुए हैं।

गृह विभाग में पुलिस के अलावा जेल विभाग, क्रिमिनल इन्वेस्टीगेशन (गुप्तचर-सीआइडी) विभाग और न्याय प्रशासन विभाग आते हैं।

पांच वर्षो से नहीं मिला है स्थायी गृह सचिव

सबसे पहले नवंबर 2014 में 1985 बैच के आईएएस पीके महापात्रा को नई भाजपा सरकार का पहला गृह सचिव लगाया गया था। इसके एक वर्ष बाद नवंबर 2015 में 1986 बैच के आईएएस पीके दास को तैनात किया गया।

इसके छह माह बाद ही मई 2016 में 1985 बैच के आईएएस रामनिवास को गृह सचिव बनाया गया था, जो सवा वर्ष इस पद पर रहे।

सितंबर 2017 में 1984 बैच के आईएएस एसएस प्रसाद राज्य के गृह सचिव बनाए गए, जो करीब दो वर्ष तक सेवाएं देते रहे। अगस्त 2019 में प्रसाद की सेवानिवृति से अब तक पांच वर्षो में प्रदेश को स्थायी गृह सचिव नहीं मिला है।

इन अधिकारियों को भी मिल चुकी है जिम्मेदारी

अगस्त 2019 से नवंबर 2019 तक चार माह के लिए राज्य में 1984 बैच की महिला आईएएस नवराज संधू को राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ गृह विभाग का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था। 30 नवंबर 2019 को नवराज संधू के रिटायर होने के बाद गृह विभाग का चार्ज एक माह के लिए सीएम के तत्कालीन प्रधान सचिव एवं 1988 बैच के आईएएस राजेश खुल्लर को अतिरिक्त कार्यभार के रूप में दिया गया।

जनवरी 2020 से अप्रैल 2020 तक 1985 बैच के आईएएस विजय वर्धन को पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ गृह सचिव का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया। एक मई 2020 से वर्धन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रशासनिक सचिव रहे।

वर्धन के एक अक्टूबर 2020 को मुख्य सचिव बनने के बाद तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव राजीव अरोड़ा को गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जो उनकी सेवानिवृति जुलाई 2022 तक रही।

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टीवीएसएन प्रसाद के पास है गृह सचिव का अतिरिक्त कार्यभार

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार अगस्त 2022 से सितंबर 2023 के आरंभ तक 1988 बैच के आईएएस टीवीएसएन प्रसाद के पास हालांकि गृह सचिव का मुख्य कार्यभार रहा, परंतु सितंबर 2023 में जब प्रसाद को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का एसीएस और वित्तायुक्त तैनात किया गया, तो उनके पास गृह सचिव का पद अतिरिक्त कार्यभार के तौर आ गया।

रोचक बात यह है कि इसी बीच 1990 बैच के आईएएस सुधीर राजपाल को मुख्य तौर पर गृह सचिव तैनात किया गया था, परंतु कुछ घंटों में ही उनका आदेश रद कर दिया गया। 15 मार्च 2024 को तत्कालीन मुख्य सचिव संजीव कौशल के छुट्टी पर जाने के बाद टीवीएसएन प्रसाद को प्रदेश के मुख्य सचिव का चार्ज दिया गया, तब भी गृह सचिव का अतिरिक्त कार्यभार उनके पास ही रहा।

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