Chandigarh News: 10 विभागों में एलटीसी को लेकर हुआ 'खेल', 105 लोगों ने किया फर्जीवाड़ा, 73 आरोपित अधिकारियों से रिकवरी
हरियाणा में अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) को लेकर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। यहां 10 विभागों के 105 अधिकारी और कर्मचारियों ने दो दो बार एलटीसी का लाभ अपनी मौज मस्ती के लिए किया। इसके बाद ये आईटी ऑडिट में मामला खुलकर सामने आया। हालांकि कोष एवं लेखा कार्यालय के निदेशक ने 73 मामलों के आरोपियों से रिकवरी के आदेश दे दिए हैं।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में मौज-मस्ती के लिए अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) में फर्जीवाड़ा सामने आया है। 10 विभागों के 105 अधिकारियों और कर्मचारियों ने ब्लाक वर्ष 2016-19 के लिए दो-दो बार एलटीसी का लाभ ले लिया। प्रधान महालेखाकार (ऑडिट) ने एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) पर आईटी ऑडिट के दौरान यह फर्जीवाड़ा पकड़ा। इसके बाद कोष एवं लेखा कार्यालय (ट्रेजरी एंड अकाउंट्स) के निदेशक द्वारा आरोपितों से रिकवरी के आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ 73 मामलों में ही रिकवरी हो सकी है।
जिन विभागों में अफसर-कर्मचारियों ने फर्जीवाड़ा कर दो-बार एलटीसी निकलवाई उनमें राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुलिस, विकास एवं पंचायत, माध्यमिक शिक्षा, मौलिक शिक्षा, परिवहन, भूमि अभिलेख, स्वास्थ्य, पशुपालन और सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग शामिल हैं।
कोष एवं लेखा कार्यालय निदेशालय ने सभी विभागों के प्रमुखों को आरोपित अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों की सूची देते हुए बाकी 32 मामलों में भी रिकवरी के आदेश दिए हैं। साथ ही संबंधित आहरण एवं वितरण अधिकारियों (डीडीओ) से भी जवाब तलबी की जाएगी, जिन्होंने उचित सत्यापन के बिना एलटीसी का दोहरा भुगतान कर दिया
हरियाणा में प्रत्येक चार वर्ष के ब्लाक में पक्के कर्मचारियों को एलटीसी दी जाती है ताकि वे देश में कहीं भी भ्रमण पर जा सके। एलटीसी में कर्मचारियों को बेसिक पे और महंगाई भत्ते (डीए) के रूप में एक मास का वेतन दिया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के सभी कर्मचारियों को वर्ष 2020-23 के ब्लाक ईयर के तहत आगामी 31 दिसंबर तक एलटीसी दी जानी थी, परंतु अब देय तिथि को अगले साल 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।
ये भी पढ़ें: पराली से प्रदूषण की समस्या पर हरियाणा सरकार ने दिल्ली और पंजाब पर उठाई उंगली, कहा- नासा के डेटा से सामने आई सच्चाई
एलटीसी के लिए भटक रहे गुरुजी
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और कर्मचारियों की एलटीसी को स्वीकृत कर बजट भी जारी कर दिया है। आहरण वितरण अधिकारी द्वारा एलटीसी के बिल बनवाकर ट्रेजरी में डाले दिए गए हैं। ट्रेजरी द्वारा यह बिल वित्त विभाग में भेजे जा रहे हैं, लेकिन वहां से इसे पास नहीं किया जा रहा। शिक्षक यूनियनों का आरोप है कि सुविधा शुल्क लेकर एलटीसी जारी की जा रही हैं, जबकि अन्य कर्मचारियों का भुगतान रोक लिया जा रहा है। इससे हजारों कर्मचारी प्रभावित हैं।
ब्लॉक ईयर एक साल बढ़ने से एलटीसी में 11 प्रतिशत का नुकसान
प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरीओम राठी व कोषाध्यक्ष चतर सिंह ने बताया कि वर्तमान में शिक्षकों को एलटीसी की 11 प्रतिशत राशि का नुकसान हो रहा है। पिछले साल जब शिक्षकों की एलटीसी स्वीकृत की गई, तब डीए की दर 38 प्रतिशत थी। अब डीए बढ़कर 46 प्रतिशत हो चुका है। एलटीसी में तीन प्रतिशत की इंक्रीमेंट का लाभ भी नहीं मिल पा रहा।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने एलटीसी को कम डीए पर स्वीकृत करवाया ताकि जून में इसका लाभ मिल सके। एलटीसी जारी करने में देरी से शिक्षकों को कम डीए मिलने से आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसलिए स्वीकृत एलटीसी को रद कर इसे दोबारा स्वीकृत किया जाए ताकि बढ़े डीए का लाभ मिल सके।
ये भी पढ़ें: हरियाणा के नव नियुक्त BJP प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी का राजनैतिक सफर, आगामी चुनाव को लेकर किया गया फेरबदल