हरियाणा में 12 ट्रामा सेंटर, पर आवश्यक उपकरणों की कमी से रेफर के 'खेल' में मरीजों की जान खतरे में
हरियाणा में यूं तो 12 ट्रामा सेंटर हैं लेकिन इनमें आवश्यक उपकरणों की कमी से घायलों को रेफर किया जाता है। ट्रामा सेंटरों में सड़क दुर्घटनाओं के 40% पीड़ितों को प्राथमिक चिकित्सा नहीं मिल पाती। घायलों को तत्काल मदद मिले तो 90% की जान बचाई जा सकती है।
By Sudhir TanwarEdited By: Kamlesh BhattUpdated: Sat, 19 Nov 2022 11:00 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सड़क हादसों में घायलों को तत्काल सहायता पहुंचाने और गंभीर रूप से घायलों की जिंदगी बचाने के लिए यूं तो 12 जिलों में ट्रामा सेंटर खोले गए हैं, लेकिन अधिकतर ट्रामा सेंटर रेफर सेंटर बनकर रह गए हैं। वजह है इनमें विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी और आवश्यक उपकरणों का टोटा। ऐसे में गंभीर रूप से घायलों को सामान्य प्राथमिक उपचार के बाद सीधे पीजीआइ या फिर हायर सेंटर रेफर करने के ‘खेल’ में सैकड़ों मरीजों की मौत हो रही है।
करनाल, रेवाड़ी, अंबाला शहर, यमुनानगर, बहादुरगढ़, सिरसा और पानीपत में सरकारी अस्पतालों में ट्रामा सेंटर बनाए गए हैं। विडंबना यह कि इन ट्रामा सेंटर में स्टाफ की कमी के चलते सामान्य अस्पतालों के चिकित्सकों की सेवाएं लेनी पड़ती हैं। इसके अलावा गुरुग्राम, पलवल और हिसार में निजी अस्पतालों को ट्रामा सेंटर का दर्जा दिया गया है।आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के 40 प्रतिशत पीड़ितों को प्राथमिक चिकित्सा भी नहीं मिल पाती। ट्रामा सेंटर दूरी पर होने से करीब 75 प्रतिशत घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाना पड़ता है, जहां से गंभीर मरीजों को रेफर करने की औपचारिकता कर दी जाती है। हर साल सड़क हादसों में पांच हजार लोगों की मौत हो रही है। अगर घायलों को तत्काल मदद मिले तो इनमें से 90 प्रतिशत की जान बचाई जा सकती है।
आपात चिकित्सा इन्फ्रा की बात करें तो हाईवे पर ट्रैफिक के सापेक्ष विभिन्न पाकेट्स में एंबुलेंस की तैनाती की व्यवस्था है, लेकिन अधिकतर जगह यह नाकाफी साबित हो रही है। हाईवे पर गोल्डन आवर में मरीजों को चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने के लिए टोल-फ्री नंबर 1033 संचालित किया गया है जिस पर काल करने के आठ-दस मिनट के अंदर मौके पर एंबुलेंस पहुंचने का प्रविधान है। विडंबना यह कि अधिकतर एंबुलेंस हाईवे पर नियमित पेट्रोलिंग की बजाय टोल पर खड़ी रहती हैं। इससे जरूरतमंदों को तत्काल मदद नहीं मिल पाती और गंभीर रूप से घायलों की जान जोखिम में पड़ जाती है।
60 किलोमीटर के दायरे में जरूर होगा एक ट्रामा सेंटर : सीएम
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं के दौरान पीड़ितों को तत्काल राहत मिले, इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पूरे प्रदेश में 60 किलोमीटर के दायरे में एक ट्रामा सेंटर स्थापित करने पर काम कर रहे हैं ताकि घायलों को तत्काल राहत प्रदान की जा सके। स्वास्थ्य विभाग को सभी ट्रामा सेंटरों की मैपिंग करने और ऐसे स्थानों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं जहां पर दो ट्रामा सेंटर 60 किलोमीटर से अधिक दूरी पर हैं।कागजों में गुम हुआ एंबुसाइकिल का प्रोजेक्ट
सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की तत्काल मदद के लिए इजरायल की तर्ज पर हरियाणा में एंबुसाइकिल चलाने का प्रोजेक्ट कागजों में गुम हो गया है। चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित यह एंबुसाइकिल अपने आकार के कारण ट्रैफिक या संकीर्ण गलियों में बेहद ही आसानी से गुजरती है और आपातकालीन अवस्था में लोगों तक केवल तीन मिनट में ही चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी पहली पारी में इजरायल दौरे के तुरंत बाद हरियाणा में भी एंबुसाइकिल सेवा शुरू करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए थे। शुरुआत में इस संबंध में जोर-शोर से काम भी हुआ, लेकिन बाद में मामला फाइलों में सिमटकर रह गया।
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