INDIA गठबंधन से निमंत्रण न मिलने पर नाराज हुए अभय चौटाला, उपेक्षित नेताओं से संपर्क कर तैयार करेंगे मोर्चा!
हरियाणा के इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) जल्द ही अलग मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। INDIA गठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण न मिलने से नाराज अभय सिंह चौटाला बीजेपी और कांग्रेस में उपेक्षित लोगों के साथ मिलकर नए मोर्चा खोल सकते हैं। साथ ही वो लोकसभा चुनाव में अपना दमखम दिखा सकते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 01 Oct 2023 01:06 PM (IST)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़: आईएनडीआईए में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिलने से नाराज चल रहे इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला हरियाणा में अलग मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। अभय सिंह का यह मोर्चा सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के खिलाफ होगा।
इसके लिए अभय सिंह ना केवल पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के संपर्क में हैं, बल्कि पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा समेत तमाम ऐसे नेताओं का समर्थन जुटाने में लगे हैं, जो किसी ना किसी रूप में भाजपा और कांग्रेस में उपेक्षित चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले अभय सिंह का यह प्रस्तावित तीसरा मोर्चा अस्तित्व में आ सकता है।
तीसरे मोर्चे को तैयार करने में जुटे अभय चौटाला
हरियाणा में तीसरे मोर्चे के प्रारूप को लेकर अभय सिंह की अपने पिता इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला से विस्तृत मंत्रणा हुई है। ओमप्रकाश चौटाला राज्य के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ बनाए गए आईएनडीआईए के महागठबंधन में शामिल अधिकतर बड़े नेताओं के साथ ओमप्रकाश चौटाला के दोस्ताना संबंध हैं। इस महागठबंधन की नींव ताऊ देवीलाल के 109वें जयंती समारोह में फतेहाबाद में ही पड़ी थी। इस बात को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेट के मुख्य सलाहाकर केसी त्यागी स्वयं स्वीकार कर चुके हैं।
इनेलो नेताओं को उम्मीद थी कि ताऊ देवीलाल के कैथल में आयोजित 110वें जयंती समारोह में उनकी पार्टी को आईएनडीआईए में शामिल होने का निमंत्रण मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिस पर अभय सिंह चौटाला नाराज हो गये और उन्होंने अपनी अलग राजनीतिक राह चुनने की कार्ययोजना बना दी। तीसरा मोर्चा बनाने के पीछे इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और अभय सिंह की सोच यह भी है कि सीटों के बंटवारे को लेकर आईएनडीआईए के सहयोगी दलों में सहमति बनने की संभावना नहीं है। अगर इनेलो आईएनडीआईए का हिस्सा बन भी जाता तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से उसके लिए कोई लोकसभा सीट छोड़ी जाती, इसकी उम्मीद बहुत कम है।
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