हरियाणा में सरकार से अलग होने के बाद भाजपा के पास नई सरकार बनाने का ये है नंबर गेम, जजपा के विधायकों का समर्थन
हरियाणा में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस्तीफा दे दिया है। मनोहर लाल शाम चार बजे दोबारा शपथ लेंगे। अब राज्य में भाजपा के साथ जननायक जनता पार्टी से गठबंधन नहीं है। सबसे बड़ा सवाल बुहमत ना होने के बाद भी भाजपा सत्ता में कैसे वापसी करेगी? दरअसल निर्दलीय और जजपा के कुछ विधायकों ने अपना समर्थन दिया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा (Haryana Politics) की राजनीति में 360 डिग्री का घुमाव आया है। जिसमें साढ़े चार सालों से चली आ रही भाजपा-जजपा गठबंधन (BJP-JJP Alliance) टूट गटा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने इस्तीफा दे दिया है। अब नई सरकार में मुख्यमंत्री का चेहरा भी वही रहेंगे। यानि मनोहर एक बार फिर से सीएम पद की शपर लेंगे।
हरियाणा की मौजूदा 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 41 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी के पास 10 विधायक हैं। हरियाणा लोकहित पार्टी का एक विधायक जीत कर सदन में पहुंचा था। इनेलो पार्टी के इकलौते अभय चौटाला विधायक हैं। जबकि निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है और यही वो नंबर है जो हरियाणा की राजनीति में नया आयाम देगा।
अब आप समझिए कि भाजपा कैसे पूर्ण बहुमत के साथ फिर से सत्ता में वापिसी कर रही है। सीएम मनोहर लाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। दरअसल सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है और इस समय भाजपा के पास कुल 41 विधायक हैं। लेकिन उसे छह निर्दलीय विधायकों के अलावा जजपा के पांच विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस प्रकार से नंबर गेम (41+5+6=52) 52 विधायकों का हो रहा है।
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अंदर खाने से खबर है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा मोदी की गारंटी की लहर के चलते राज्य की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला ले चुकी है।
कुल विधायकों की संख्या | 90 |
भाजपा | 41 |
कांग्रेस | 30 |
जजपा | 10 |
निर्दलीय | 07 |
आईएनएलडी | 01 |
एचएलपी | 01 |
लेकिन गठबंधन दल होने के नाते जजपा के लिए दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) दो सीट की मांग कर रहे थे लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में राज्य भाजपा नेताओं के आग्रह पर यह मांग ठुकरा दी।
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