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हरियाणा में 2012 व 2013 की मेरिट लिस्ट में शामिल सभी जेबीटी को मिलेगी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मोहर

हरियाणा सरकार के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगा दी है। राज्य में वर्ष 2012 व वर्ष 2013 की मेरिट लिस्ट में शामिल सभी जेबीटी को नौकरी मिलेगी। इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 2017 में नियुक्त 1259 जेबीटी को अपात्र करार दिया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 09:54 AM (IST)
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मेरिट में शामिल सभी जेबीटी को नौकरी। सांकेतिक फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में नौकरी बचाने के लिए संघर्षरत जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। न केवल वर्ष 2017 में भर्ती सभी 1259 जेबीटी की सेवाएं बरकरार रहेंगी, बल्कि तदर्थ आधार पर लगे 944 जेबीटी शिक्षक भी पक्के हो जाएंगे। इसी तरह वेटिंग लिस्ट के 856 जेबीटी शिक्षकों को भी नौकरी देने का रास्ता साफ हो गया है।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जुलाई में फैसला सुनाते हुए वर्ष 2017 में नियुक्त 1259 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती को अवैध करार देते हुए सरकार को अपात्र शिक्षकों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया।

शिक्षकों की लड़ाई लड़ रहे एचटेट 12-13 के प्रदेशाध्यक्ष संजय तालू ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दो घंटे चली सुनवाई में प्रदेश सरकार ने कहा कि सभी शिक्षकों को सरकार एडजस्ट कर देगी। 2000 जेबीटी शिक्षकों की पदोन्नति की जा चुकी है और 4000 और जेबीटी की जल्द ही पदोन्नति दी जाएगी।

इस तरह जेबीटी शिक्षकों के पर्याप्त पद रिक्त हैं जिससे वर्ष 2012 और 2013 की मेरिट लिस्ट में चयनित सभी शिक्षकों को नौकरी पर लगाया जा सकता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए केस का निपटारा कर दिया।

इससे पहले हाई कोर्ट ने आदेश जारी किए थे कि कट आफ डेट के दिन योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति, वरिष्ठता क्रम व वित्तीय लाभ दिया जाए। साथ ही कट आफ डेट के बाद योग्य उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाए।

दरअसल प्रदेश सरकार ने वर्ष 2012 में 8760 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस भर्ती के लिए कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 थी। इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार योग्य थे, जिन्होंने अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा पास की थी।

प्रदेश सरकार ने 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की। इस कारण कट आफ डेट तक इस भर्ती में केवल वही उम्मीदवार आवेदन कर सके, जिन्होंने 2011 में परीक्षा पास की थी। इस बीच हरियाणा सरकार ने अप्रैल 2013 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित कर दी।

प्रदेश सरकार का कहना था कि प्रशासनिक कारणों से 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी। इसलिए अब अप्रैल 2013 में जो परीक्षा हो रही है, वह अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा 2012 की है।

इसी बीच हाई कोर्ट में काफी संख्या में याचिका दायर की गई कि सरकार ने 2012 में अध्यापक राज्य पात्रता परीक्षा नहीं ली और अब सरकार परीक्षा ले रही है, इसलिए उनको इस भर्ती में भाग लेने की इजाजत दी जाए। हाई कोर्ट ने ऐसे उम्मीदवारों को प्रोविजनल तौर पर परीक्षा में भाग लेने की इजाजत दे दी।

यह था विवाद

शिक्षक भर्ती बोर्ड ने जेबीटी भर्ती का परीक्षा परिणाम घोषित कर केवल कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 के दिन योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का फैसला लिया और उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए।

इस बीच 2013 में परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों ने कोर्ट में केस दायर कर कहा कि उनके अंक कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 के योग्य उम्मीदवारों से ज्यादा हैं। इसलिए एक संयुक्त योग्यता सूची बनाकर उन्हें नियुक्ति दी जाए।

हरियाणा सरकार ने कोर्ट में कहा राज्य में टीचर्स के काफी पद खाली हैं और वह दोनों सूची के उम्मीदवारों को नियुक्ति दे देगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार संयुक्त मेरिट लिस्ट बनाकर नियुक्ति दे सकती है, लेकिन विज्ञापन में तय पदों से ज्यादा पदों पर भर्ती नहीं होगी।

जब सरकार ने संयुक्त योग्यता सूची जारी की तो पहली सूची जो कट आफ डेट 11 दिसंबर 2012 के दिन योग्य उम्मीदवारों की थी, वे बाहर हो गए और सरकार ने उनको नोटिस देकर उनकी सेवा समाप्त कर दी तथा प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार भी बाहर हो गए।

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