ACB की कार्रवाई से खौफजदा भ्रष्ट अफसरशाही, IAS-IPS की लॉबी में बढ़ रही दूरियां; रडार पर चार दर्जन अधिकारी
एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा पिछले दो दिनों में लगातार दो आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद राज्य के भ्रष्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों में बेचैनी बनी हुई है। आईएएस लॉबी एंटी करप्शन ब्यूरो की इस पूरी कार्रवाई को अपने विरुद्ध अभियान के रूप में मानकर चल रही है। ईएएस और आईपीएस लॉबी में जबरदस्त खींचतान तथा अविश्वास की भावना बढ़ती जा रही है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा की भ्रष्ट अफसरशाही के मन में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई का डर बैठ गया है। पिछले दो दिनों में लगातार दो आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद राज्य के भ्रष्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों में बेचैनी बनी हुई है।
एसीबी की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए कुछ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय तक संपर्क साधा है, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से साफ कह दिया गया है कि भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई में किसी तरह का दखल नहीं दिया जाएगा।
रिश्वत लेते पकड़े गए अधिकारी
एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक का दायित्व राज्य के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ही संभाल रहे हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने हाल ही में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के प्रबंध निदेशक रहे विजय दहिया तथा हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक जयबीर सिंह आर्य को पांच लाख तथा तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
आईएएस और आईपीएस लॉबी में चल रहा खींचतान
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो को कार्रवाई के लिए फ्रीहेंड दे रखा है। शत्रुजीत कपूर चूंकि आइपीएस अधिकारी हैं और अभी तक भ्रष्टाचार के आरोप में जितने भी अधिकारी पकड़े गए हैं।
उनमें आईएएस अधिकारियों की संख्या ज्यादा है, इसलिए आईएएस लॉबी एंटी करप्शन ब्यूरो की इस पूरी कार्रवाई को अपने विरुद्ध अभियान के रूप में मानकर चल रही है। इससे राज्य में आईएएस और आईपीएस लॉबी में जबरदस्त खींचतान तथा अविश्वास की भावना बढ़ती जा रही है।
कई अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुए मामले
प्रदेश में कई पद ऐसे हैं, जो आईएएस कैडर के अधिकारियों के लिए हैं, लेकिन उन पर सरकार ने आईपीएस अधिकारियों को पोस्टिंग दे रखी है। एंटी करप्शन ब्यूरो के निशाने पर अभी भी हरियाणा के करीब चार दर्जन अधिकारी बने हुए हैं।
इनमें आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचपीएस और अन्य कैडर के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से कई अधिकारियों के खिलाफ तो मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि कई अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है।
IAS से लेकर HCS अधिकारी हैं ACB के निशाने पर
एसीबी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्टेटस रिपोर्ट भेज दी है। एसीबी की ओर से लगातार प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की अनुमति मांगी जा रही है।
इन अधिकारियों के विरुद्ध चल रही आंतरिक जांच प्रक्रिया प्रदेश में इस समय 12 आईएएस, दो आईपीएस, तीन आईएफएस, चार एचपीएस और 20 एचसीएस अधिकारी एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच का सामना कर रहे हैं।
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ACB की रडार पर आएंगे और अधिकारी
एसीबी जिन 12 आईएएस के खिलाफ जांच कर रही है, उनमें से चार रिटायर हो चुके हैं। 20 एचसीएस अधिकारियों में से भी चार रिटायर हो चुके हैं। इसके अलावा तीन आईएफएस अधिकारियों में से एक अधिकारी की रिटायरमेंट हो चुकी है।
जांच से जहां रिटायर्ड अफसरों के पेंशन और अन्य भत्तों पर असर पड़ेगा। वहीं ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों की एसीआर (एनुअल कान्फिडेंशियल रिपोर्ट) खराब होगी। आने वाले दिनों में कई मामलों में एसीबी प्रदेश के कई अन्य अधिकारियों को जांच में शामिल करेगी। इनमें से कई अधिकारी तो ऐसे हैं जिनके खिलाफ एक से अधिक मामलों में जांच की जा रही है।
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