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हरियाणा में मुख्य और प्रधान सचिव के पदों पर होंगी नियुक्तियां, चुनाव में भिरतघात करने वाले IAS-IPS पर भी गिरेगी गाज

हरियाणा में नई सरकार बनते ही शीर्ष स्तर की अफसरशाही में बदलाव होने जा रहा है। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पदों पर नई नियुक्तियां तय मानी जा रही हैं। वहीं लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 में भिरतघात करने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। कार्यवाहक सीएम नायब सैनी ने कहा है कि चुनाव के दौरान भिरतघात करने की शिकायत उनके पास पहुंची थी।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 14 Oct 2024 12:20 PM (IST)
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हरियाणा के नई सरकार की शीर्ष अफसरशाही में बदलाव होगा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रदेश में नई सरकार बनते ही शीर्ष स्तर की अफसरशाही में बदलाव होगा। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पदों पर नई नियुक्तियां तय मानी जा रही हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में नए चेहरों को एंट्री मिलेगी।

इसके अलावा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सही भूमिका नहीं निभाने वाले कुछ आईएएस-एचसीएस और आईपीएस-एचपीएस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

ये सीनियर अधिकारी होंगे रिटायर

1988 बैच के आईएएस अधिकारी टीवीएसएन प्रसाद 31 अक्टूबर को मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हो जाएंगे। एक लॉबी उन्हें एक्सटेंशन दिलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उन्हें सेवा विस्तार की उम्मीद कम है। प्रसाद के बाद 1989 बैच के आईएएस अधिकारी सबसे सीनियर हैं, जो वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सचिव के रूप में प्रतिनियुक्ति पर हैं।

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वे मुख्य सचिव बनने के लिए हरियाणा में वापस नहीं लौटने का विकल्प चुनते हैं तो 1990 बैच के छह अधिकारियों में से किसी को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनमें सबसे सीनियर सुधीर राजपाल और डॉ. सुमिता मिश्रा हैं।

इनके बाद अंकुर गुप्ता गुप्ता का नाम आता है, जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें मुख्य सचिव की जिम्मेदारी मिलना मुश्किल है। इसके अलावा 1990 बैच के ही अनुराग रस्तोगी, आनंद मोहन शरण और राजा शेखर वुंडरू मुख्य सचिव बनने की दौड़ में हैं।

प्रधान सचिव अभी से लॉबीइंग शुरू

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर पहले ही दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जता चुके हैं। उनकी पत्नी दीप्ति उमाशंकर भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। वी उमाशंकर के दिल्ली जाने पर मुख्यमंत्री का अगला प्रधान सचिव कौन बने, इसको लेकर अभी से लॉबीइंग शुरू हो गई है।

मुख्यमंत्री कार्यालय में फेरबदल में मुख्यमंत्री नायब सिंह के चहेते अफसरों को समायोजित किया जाएगा। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल के स्थान पर मुख्यमंत्री बनने वाले नायब सिंह सैनी ने पुरानी टीम से ही काम चलाया था। तब ओएसडी रहे जवाहर यादव, अभिमन्यु और भूपेश्वर दयाल चुनाव लड़ने के लिए सीएमओ को अलविदा कह चुके हैं।

ऐसे में इनके स्थान पर नए अधिकारियों या फिर नेताओं की नियुक्ति हो सकती है। राजनीतिक सलाहकार से लेकर ओएसडी सहित अन्य पदों पर मुख्यमंत्री नायब सैनी अपने चेहते और कुछ हारे हुए नेताओं को सीएमओ में बुला सकते हैं। इनमें पूर्व मंत्री असीम गोयल और सुभाष सुधा के नाम भी शामिल हैं। हालांकि, अंतिम फैसला हाईकमान का होगा।

चुनाव में भिरतघात करने वाले अधिकारी रडार पर

विधानसभा चुनाव के दौरान नायब सैनी कह चुके है कि वह चुनावी मोड में होने के कारण संदिग्ध आचरण वाले प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ाई नहीं कर सके। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों द्वारा भिरतघात करने की शिकायत भी उनके पास पहुंची थी।

ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई की जा सकती है। लंबे समय से एक ही जिले में बैठे डीसी-एसपी समेत अन्य प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को बदला जा सकता है।

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