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'रामायण' के सुग्रीव की अस्थियां लॉकडाउन, रामचरितमानस का पाठ करते समय अचानक निधन

टीवी सीरिल रामायण के सुग्रीव की अस्थियां भी लॉक डाउन हो गई हैं। रामायण में सुग्रीव का रोल निभानेवाले श्‍याम सुंदर कलानी का निधन हो गया था। उनकी अस्थियां विसर्जित नहीं हो सकी हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 10 Apr 2020 10:07 AM (IST)
'रामायण' के सुग्रीव की अस्थियां लॉकडाउन, रामचरितमानस का पाठ करते समय अचानक निधन
कालका, [राजकुमार]। देश में 80 के दशक में दर्शकों के दिलों पर राज करने वाला पौराणिक धारावाहिक 'रामायण' में वानरराज सुग्रीव की भूमिका निभाने वाले श्याम सुंदर कलानी अब हमारे बीच नहीं रह गए है। अंतिम संस्‍कार के बाद उनकी अस्थियां पिछले कई दिनों से लॉकडाउन हैं। कोरोना के के कारण लॉकडाउन लागू होने के काण उनकी अस्थियां प्रवाहित नहीं हो पा रही हैं। 80 साल के कलानी का 26 मार्च को तड़के करीब 4.30 बजे रामचरित मानस का पाठ करते समय अचानक निधन हो गया था। वह मधुमेह (शुगर की बीमारी) से पीडि़त थे।

लॉकडाउन के कारण नहीं हो रही प्रवाहित, 26 मार्च को सुबह 4.30 बजे अचानक हुआ था निधन

वानर राज सुग्रीव की भूमिका निभाने वाले कलानी कालका की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में पिछले करीब 20 वर्षों से पत्‍नी प्रिया कलानी के साथ रह रहे थे। उनके आकस्मिक निधन पर रामायण सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल तथा लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने दुख व्यक्त किया है।

 श्‍याम सुंदर कलानी की सुग्रीव के रूप में तस्‍वीर के साथ उनकी पत्‍नी प्रिया कलानी।

लंबे समय से शुगर से थे पीडि़त, अरुण गोविल और सुनील लहरी ने किया दुख व्यक्त

एक्टिंग की शुरुआत रामायण से करने वाले श्याम सुंदर कलानी की पत्‍नी प्रिया कलानी उस समय मुंबई नगर निगम में एसओडी के पद पर तैनात थीं। प्रिया के वहां से सेवानिवृत होने के बाद श्याम सुंदर कलानी उनके साथ कालका आकर रहने लगे। इस बारे में उनकी पत्‍नी प्रिया कलानी तथा बेटी जिया कलानी ने बताया शुक्रवार 26 मार्च को प्रात करीब 4.30 बजे वह रामचरित मानस का पाठ कर रहे थे और इसी दौरान अचानक उनका निधन हो गया। उनकी आयु लगभग 80 वर्ष के करीब थी। श्याम सुंदर लंबे समय से शुगर से पीडि़त थे। लॉकडाउन के चलते अभी तक उनकी अस्थियां प्रवाहित नहीं की जा सकी है।

श्‍याम सुंदर कलानी की तस्‍वीर के साथ उनकी पत्‍नी प्रिया कलानी।

पत्नी ने कहा- रामायण सीरियल का दोबारा प्रसारण सराहनीय कदम

प्रिया ने बताया कि वर्ष 1987 में जब टीवी पर रामायण शुरू होती थी तो मुंबई में लोग टीवी के सामने धूप अगरबती जलाकर बैठते थे। लोग कलाकारों को भगवान के रूप में देखते थे। सीरियल के प्रसारण के समय सड़कें सुनसान हो जाती थीं और ऐसा लगता था कि मानों कर्फ्यू लगा हो। उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा सही कदम है। उन्‍होंने कहा कि रामायण सीरियल का टीवी पर प्रसारण दोबारा शुरू करके सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। आज भी लोग रामायण देखने के लिए अपने कामकाज छोड़कर अपने घरों में टीवी के आगे बैठ जाते हैं।

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