हरियाणा में कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद
हरियाणा के कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा की सदस्यता रद कर दी गई है। निचली अदालत ने उनको एक आपराधिक मामले में तीन साल कैद की सजा सुनाई है। दो साल से अधिक सजा पर संसद और विधानसभा की सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है।
By Sunil kumar jhaEdited By: Updated: Sat, 30 Jan 2021 04:25 PM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के कालका से विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा की सदस्यता रद कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश की एक निचली अदालत (न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट) ने कालका से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को आपराधिक मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। इससे उनकी विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक गई है। नियमानुसार दो साल से अधिक सजा पर दोषी की संसद और विधानसभा की सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है। हालांकि चौधरी को अभी तत्काल जेल नहीं जाना पड़ेगा। वह एक महीने के भीतर सेशन कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
दो साल से अधिक सजा पर संसद और विधानसभा की सदस्यता खत्म करने का है प्रावधान विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने शनिवार को प्रदीप चौधरी की विधानसभा की सदस्यता रद किए जाने का आदेश जारी किया। बता दें कि हिमाचल प्रदेश की नालागढ़ कोर्ट ने दस साल पुराने एक मामले में प्रदीप चौधरी को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा सितंबर 2014 में मनोज नरूला बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुनाए फैसले के अनुसार अगर किसी सांसद या विधायक को कोर्ट द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा (1), (2) एवं (3) में दोषी घोषित किया जाता है तो उन्हेंं धारा (4) में अपने पद के कारण किसी प्रकार की विशेष रियायत प्राप्त नहीं होगी। दोषी को अपनी संसद या विधानसभा सदस्यता से तत्काल हाथ धोना पड़ेगा।
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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2013 के निर्णय से पहले ऐसे सांसद-विधायकों को उक्त कानून की धारा 8 (4 ) में तीन माह की रियायत मिल जाती थी जिससे वह ऊपरी अदालत में अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले पर स्टे ले लेते थे। इससे उनकी सदन की सदस्यता बच जाती थी, परंतु अब ऐसा संभव नहीं है।निचली कोर्ट ने सुनाई है तीन साल की सजा, सेशन कोर्ट में अपील का विकल्प खुला
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी के मामले में उनके कारावास की अवधि तीन वर्ष है जो धारा 8(3) में उल्लेखित दो वर्ष की अवधि से ऊपर है। इसलिए उन्हेंं भी हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हेंं सीधे भी सदन से अयोग्य घोषित किया जा सकता था। यह भी पढ़ें: Mahatma Gandhi Death Anniversary 2021: बापू के आटोग्राफ के बदले डोनेशन ने बदल दी पंजाब के युवा के जीवन की धारा, पढ़ें राेचक कहानी
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