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शीतकालीन सत्र से पहले हरियाणा विधानसभा में निकला जहरीला सांप, डंसने के तुरंत बाद हो जाती है मौत; मचा हड़कंप

हरियाणा विधानसभा परिसर में रसेल वाइपर प्रजाति का जहरीला सांप मिला। सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया गया। विधानसभा सत्र 13 नवंबर से शुरू हो रहा है ऐसे में सांप मिलने से सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। सांप को देखते ही कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए। वह बाहर की ओर दौड़े और एक-एक कर कर्मचारी विधानसभा से बाहर आ गए।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 08 Nov 2024 06:25 PM (IST)
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हरियाणा विधानसभा में निकला जहरीला सांप। सोशल मीडिया
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के परिसर में शुक्रवार की सुबह सांप मिलने से हडकंप मच गया। रेस्क्यू करने के बाद रसेल वाइपर प्रजाति के इस सांप को पकड़ लिया गया। सांपों की यह प्रजाति काफी जहरीली मानी जाती है। यह प्रजाति के सांप भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और दक्षिणी चीन सहित ताइवान के कई इलाकों में पाए जाते हैं।

रसेल वाइपर प्रजाति के सांप के डसने के कुछ ही देर बाद तक उपचार नहीं मिलने की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति की मौत हो सकती है। विधानसभा में यह सांप सुरक्षा कक्ष में बैठा था। सुबह जब सफाईकर्मी रोजाना की तरह वहां आए तो उन्होंने सांप को देखा। सांप को देखते ही कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए। वह बाहर की ओर दौड़े और एक-एक कर कर्मचारी विधानसभा से बाहर आ गए।

तीन फुट लंबा था सांप

विधानसभा सचिवालय की ओर से वन विभाग को सूचित किया गया। वन विभाग के सांप पकड़ने वाले एक्सपर्ट ने औजारों की मदद से सांप पकड़ा। सांप करीब तीन फुट लंबा था। विधानसभा के जिस हिस्से से सांप पकड़ा गया है, वहां स्टेशनरी का सामान रखा जाता है।

अगले सप्ताह 13 नवंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट और दूसरी पार्टियों के विधायक मौजूद रहेंगे। ऐसे में सांप मिलने से उनकी सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। सांप को पकडक़र जंगल में छोड़ दिया गया।

सांप मिलने से मचा हड़कंप

करीब चार महीने पहले चंडीगढ़ में ही हरियाणा सचिवालय में सांप मिला था। यह सांप सचिवालय की चौथी मंजिल तक पहुंच गया था, जहां मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव का कार्यालय है। हरियाणा सचिवालय और विधानसभा सचिवालय के आसपास चूंकि जंगल है, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सांप वहीं से निकलकर यहां तक पहुंचते हैं।

वहीं, 13 से 18 नवंबर तक संचालित होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्नकाल होना संभव नहीं लग रहा है। शून्यकाल भी होगा या नहीं, इस संबंध में फैसला विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की 13 नवंबर को सत्र आरंभ होने से पहले होने वाली बैठक में लिया जाएगा। शून्यकाल का आयोजन किया जाता है तो विधायक अपनी-अपनी समस्याएं तो सदन में उठा सकेंगे, लेकिन मंत्री उनका जवाब देने के लिए बाध्य नहीं होंगे।

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