Move to Jagran APP

भूपेंद्र हुड्डा का कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष का नेता बनना तय, पूर्व सीएम के सपोर्ट में 32 विधायक

चार विधायक कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा समर्थक चुनकर आए हैं। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थन में 32 विधायक हैं। इस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना जाना संभव है। इस बाबत आज बैठक हो रही है। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 37 सीटें मिली थीं। वहीं बीजेपी ने 48 सीटें हासिल की।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 18 Oct 2024 06:15 PM (IST)
Hero Image
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नेता प्रतिपक्ष चुने जाना तय
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के कांग्रेस विधायक दल की शुक्रवार को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में पूर्व मुख्मयंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विधायक दल का नेता चुना जाना तय है। इस बार चुनाव जीतकर आए कांग्रेस के 37 विधायकों में 32 हुड्डा समर्थक हैं।

कुमारी सैलजा के समर्थन में कितने विधायक

चार विधायक कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा समर्थक चुनकर आए हैं, जबकि एक विधायक आदित्य सुरजेवाला कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला के बेटे हैं। दो दिन पहले हुड्डा अपने दिल्ली निवास पर 32 विधायक जुटाकर शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं।

कांग्रेस हाईकमान ने विधायक दल का नेता चुनने के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस कोषाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य अजय माकन तथा पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजपा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

तीन बजे हुई बैठक

चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस कार्यालय में शुक्रवार दोपहर बाद तीन बजे से विधायक दल की बैठक हो रही है, जिसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। कांग्रेस विधायक दल का नेता ही हरियाणा विधानसभा में विपक्ष का नेता होगा। विपक्षी दलों में सिर्फ इनेलो के दो विधायक चुनकर आए हैं, जबकि तीन निर्दलीय विधायक चुनाव जीते हैं, जिन्होंने पहले दिन ही भाजपा सरकार को अपना समर्थन दे दिया है।

कांग्रेस में गुटबाजी इस समय चरम पर है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच चल रहे टकराव की वजह से ही कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के अधिकतर नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव के भी बृहस्पतिवार को पार्टी छोड़ने के बाद अब राज्य में सिर्फ चार प्रमुख नेता भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और चौधरी बीरेंद्र सिंह बचे हैं, जिनके कंधों पर पार्टी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद इसका ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ा जा रहा है।

अशोक तंवर भी कांग्रेस में हुए शामिल

बीरेंद्र सिंह और अशोक तंवर हाल ही में कांग्रेस में लौटे हैं। इस हार के बाद कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष व प्रभारी बदलने के साथ ही विपक्ष का नेता हुड्डा की बजाय किसी दूसरे नेता को बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। हुड्डा समर्थक विधायकों की संख्या अधिक होने के कारण सैलजा समर्थक किसी विधायक का विपक्ष का नेता बनना मुश्किल है।

सैलजा समर्थक विधायकों में पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई, शैली चौधरी, रेणुबाला और अकरम खान हैं, जबकि आदित्य सुरजेवाला पहली बार के विधायक हैं। कांग्रेस हाईकमान की ओर से भेजे जा रहे तीनों पर्यवेक्षक भी हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। इसलिए उनके विधायक दल का नेता और विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने पर किसी तरह का संशय नहीं है।

यह भी पढ़ें- 'लीव द रूम...', कौन-कौन आएं हैं शक्लें देख लेने दें; जब अनिल विज ने शपथ लेने के बाद अधिकारियों की लगाई क्लास

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।