हरियाणा विधानसभा में कादियान के वकील बन खूब गरजे भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कहा- मुझसे बड़ा हिंदू कौन
हरियाणा विधानसभा में रघुवीर कादियान के पक्ष में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा खूब गरजे। पूर्व स्पीकर डा. रघुबीर कादियान का निलंबन वापस लेने के लिए हुड्डी स्पीकर और सीएम से टकराए। स्पीकर और हुड्डा के बीच जबरदस्त बहस हुई।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 07 Mar 2022 02:04 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को विधानसभा में खूब गरम तेवर दिखाए। बेरी के विधायक एवं पूर्व स्पीकर डा. रघुवीर कादियान के सदन से निलंबन के खिलाफ हुड्डा न केवल विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता से कई बार टकराए, बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी बार-बार चुनौती देते नजर आए। बाद में रघुवीर कादियान के विधानसभा के बजट की विशेष अवधि के लिए किया गया निलंबन रद कर दिया गया।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने सशर्त कादियान का निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव स्पीकर के सामने रखा, लेकिन सदन की गरिमा को तार-तार करने की बात कहते हुए कादियान के प्रति स्पीकर जरा भी नहीं पसीजे। विवाद बढ़ता देख स्पीकर को आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। पूर्व स्पीकर रघुवीर कादियान ने शुक्रवार को मतांतरण विरोधी विधेयक के प्रतियां फाड़ दी थी, जिस पर स्पीकर ने उन्हें सदन के बाकी दिनों की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था।
कादियान के निलंबन के विरोध में बाकी कांग्रेस विधायक सदन से वाकआउट कर गए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कांग्रेस विधायकों की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि मतांतरण विरोधी कानून में स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन का प्रविधान है। यह कानून सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए खतरनाक है, जो जबरदस्ती किसी का धर्मांतरण कराते हैं। यदि सामने बैठे कांग्रेस विधायक स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन करना चाहें तो कर लें। उन पर इस बिल के तहत कोई कार्रवाई नहीं होगी।
मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य और रघुवीर कादियान द्वारा बिल की प्रतियां फाड़ने की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा सदन में नहीं थे। सोमवार को प्रश्नोत्तर काल के बाद हुड्डा अपनी सीट से खड़े हो गए और डा. कादियान के निलंबन का जबरदस्त तरीके से विरोध किया। हुड्डा इतना धाराप्रवाह और तीखा बोले कि किसी के रोके नहीं रुके। हुड्डा ने सदन में कहा कि मेरे से बड़ा हिंदू कौन है। मेरे पिता और दादा सबसे बड़े हिंदू थे। मुख्यमंत्री हमारी तरफ इशारा कर यह कह दें कि आप धर्म परिवर्तन कर लो किसी को भी तैश आना स्वाभाविक है और डा. कादियान ने मुख्यमंत्री की बात के बाद तैश में आकर बिल फाड़ा है।
मुख्यमंत्री ने हुड्डा की बात को खारिज करते हुए कहा कि मैं अपनी बात को शुक्रवार को ही वापस ले चुका हूं, लेकिन मेरे कुछ भी कहने से पहले ही कादियान बिल की प्रतियां फाड़ चुके थे। हुड्डा ने कहा कि आप विधानसभा की कार्यवाही की रिकार्डिंग देख लीजिए। मुख्यमंत्री इस पर तैयार हो गए। हुड्डा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के धर्म परिवर्तन वाली बात कहने से पहले ही कादियान ने बिल फाड़ा तो वह स्वयं और कादियान दोनों ही सदन से क्षमा मांग लेंगे।
हुड्डा ने कहा कादियान की कार्यवाही अचानक उत्तेजना का नतीजासाथ ही हुड्डा ने कहा कि डा. कादियान की कार्यवाही सडन प्रोवेकेशन (अचानक उत्तेजना) की कार्यवाही है। स्पीकर हुड्डा की यह बात मानने को तैयार नहीं हुए, जिस पर हुड्डा ने कहा कि अगर मैंने कई कत्ल किए हैं तो क्या आप भी कत्ल करके ही मानोगे। मुख्यमंत्री ने स्पीकर से जब यह कहा कि अगर कादियान ने मेरे कुछ कहने से पहले बिल फाड़ा है तो फैसला आपके ऊपर है और अगर बाद में फाड़ा है तो मैं उनका निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव करूंगा। स्पीकर इस बात पर भी राजी नहीं हुए। लिहाजा विवाद बढ़ता गया।
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