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कांग्रेस की मुहर से पहले ही विपक्ष के नेता की भूमिका में दिखे हुड्डा, क्या हाईकमान सौंपेगा ये जिम्मेदारी?

हरियाणा विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में भूपेंद्र हुड्डा ने विपक्ष के नेता की भूमिका में दिखे। कांग्रेस हाईकमान द्वारा अभी तक विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया गया है लेकिन हुड्डा इस पद के प्रबल दावेदार हैं। विधानसभा में हुड्डा ने जिस तरह से कांग्रेस विधायकों का नेतृत्व किया उससे साफ है कि वे ही विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 26 Oct 2024 11:22 AM (IST)
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भूपेंद्र हुड्डा का कांग्रेस विधायक दल का नेता लगभग तय। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक अलग ही भूमिका में नजर आए। कांग्रेस हाईकमान की ओर से अभी तक विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया गया है। इस पद पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मजबूत दावेदारी है। कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद हुड्डा का विधानसभा में विपक्ष का नेता बनना तय है।

हुड्डा का विपक्ष का नेता बनना तय

इन दोनों प्रक्रियाओं के पूरा होने का इंतजार कर रहे हुड्डा ने विधानसभा में जिस तरह कांग्रेस विधायकों का नेतृत्व किया और सरकार तक उनकी बात पहुंचाई, उससे साफ नजर आ रहा है कि हुड्डा ही विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे। हरियाणा में कांग्रेस को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई है। करीब एक दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर टिकटों का आवंटन ठीक नहीं हुआ।

'चित्रा सरवारा को कांग्रेस का टिकट मिला होता तो...'

अंबाला छावनी से सातवीं बार विधायक चुने गये परिवहन मंत्री अनिल विज से नोकझोंक के दौरान सातवीं बार के ही कांग्रेस विधायक डॉ. रघुबीर कादियान ने उनकी तरफ इशारा करते हुए कहा, यदि चित्रा सरवारा को कांग्रेस का टिकट मिल गया होता तो आप इस सदन में भी नहीं पहुंच पाते। रघुबीर कादियान का अनिल विज पर यह वार कांग्रेस के टिकट वितरण में गड़बड़ी की ओर स्पष्ट इशारा कर रहा है।

स्पीकर के दायित्व ग्रहण कार्यक्रम में नहीं किया वॉकआउट

विधानसभा में कई मौके ऐसे आए, जब हुड्डा नाराज हुए, लेकिन स्पीकर के दायित्व ग्रहण कार्यक्रम की वजह से उन्होंने वॉकआउट नहीं किया। स्पीकर के पद पर सर्वसम्मति बनने के बाद जब मुख्यमंत्री और मंत्री हरविंदर कल्याण को कुर्सी पर बैठाने गये तो विपक्ष के विधायकों को साथ ले जाना भूल गये। इस पर हुड्डा ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन नरम स्वभाव के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपनी गलती मानी तथा हुड्डा के सामने करबद्ध होते हुए उन्हें अपने साथ डाइस पर ले गये।

भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा में बनाए रखा संयम

विधानसभा डिप्टी स्पीकर के पद पर डॉ. कृष्ण मिढा के नाम की घोषणा होते ही मुख्यमंत्री ने सबसे पहले हुड्डा की तरफ हाथ जोड़कर इशारा किया, ताकि डॉक्टर को कार्यभार ग्रहण कराया जा सके। विधानसभा में अनिल विज और महीपाल ढांडा से बहस के दौरान हुड्डा के तेवर कई बार गर्म हुए, लेकिन उन्होंने फिर भी संयम बनाए रखा।

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आदित्य देवीलाल ने भी ली चुटकी

इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने चुटकी ली कि सदन में मौजूद कुछ विधायकों के चेहरे मायूस हैं, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि कांग्रेस की सरकार आ चुकी है। हुड्डा ने स्पीकर को सभी को साथ लेकर चलने की सलाह देते हुए कहा कि मैं इस आयोजन को खराब करने के पक्ष में नहीं हूं। इसलिए सभी को संयम की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए। बता दें कि कांग्रेस विधायकों ने विधायक दल के नेता के चयन का अधिकार कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ा हुआ है।

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