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हरियाणा में भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के खिलाफ राजभवन में विधायकों संग दस्तक देंगे भूपेंद्र सिंह हुड्डा

हरियाणा विधानसभा में आठ वर्ष पुराने भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के लिए विधेयक पास किया गया है। कांग्रेस ने इसे किसान विरोधी बताया है। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसके खिलाफ विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 26 Aug 2021 05:41 PM (IST)
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में बने आठ साल पुराने भूमि अधिग्रहण कानून में हरियाणा में बदलाव के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। वर्ष 2013 में इस कानून को लागू करने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा में पारित विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए राजभवन में जाने की तैयारी की है। विधायकों संग राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर हुड्डा उनसे अध्यादेश को राष्ट्रपति के पास नहीं भेजने की मांग करेंगे, ताकि इसे कानून बनने से रोका जा सके।

एक दिन पहले अपने निवास पर पार्टी प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा के साथ विधायकों और पूर्व विधायकों को लंच कराकर एकजुटता का संदेश देने वाले हुड्डा वीरवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए। निवास पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी विधायक गीता भुक्कल, बीबी बत्रा, रघुबीर कादियान और सुभाष गांगुली के साथ पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा और पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी मौजूद थे। बाद में सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी आ गए। विधानसभा के मानसून सत्र की कम अवधि का मुद्दा उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि पार्टी विधायकों ने सदन में कई मुद्दे उठाए, लेकिन सरकार कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। इनका बस एक ही काम रह गया, सर्वे और सर्विलांस।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए हुड्डा ने कहा कि सत्ता में आने से पहले वह जिस सीएमआइई की रिपोर्ट का हवाला देकर बेरोजगारी के आंकड़ों पर ट्वीट कर सीएम पर हमला बोलते थे, अब उसी की दूसरी परिभाषा बता रहे हैं। आज हर महकमे में बड़ी संख्या में पद खाली हैं, लेकिन भर्तियां हो नहीं रहीं। पेपर लीक के ढेरों मामले आ रहे हैं। अगर सरकार की मंशा साफ है तो पुलिस पेपर लीक की जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआइ से कराए। इस मामले के तार कई राज्यों से जुड़े हैं जिससे हरियाणा पुलिस की जांच पूरी तरह प्रभावशाली नहीं हो सकती।

क्रोनी कैपिटलिज्म की ओर बढ़ रही सरकार

भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन कर किसानों और भू-मालिकों की 70 फीसद मर्जी का नियम खत्म करने और प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) के लिए जमीन अधिग्रहण को खतरनाक करार देते हुए हुड्डा ने कहा कि सरकार क्रोनी कैपिटलिज्म (सहचर पूंजीवाद) की ओर बढ़ रही है। हरियाणा का लैंड बैंक इतना बड़ा है जिसे परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रदेश में करीब आधा दर्जन स्थानों पर आइएमटी की जगह खाली पड़ी हैं। इस जमीन का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा।

पेट्रो पदार्थों पर क्यों नहीं घटाते वैट

हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार पेट्रो पदार्थों पर वैट क्यों नहीं घटा रही जिससे लोगों को राहत मिले। आजादी का 75वां साल है, लेकिन फ्रीडम फाइटरों की पेंशन में एक पैसा नहीं बढ़ाया गया है। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के प्रति सचेत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली और दूसरी लहर से भी कुछ नहीं सीखा। अस्पतालों में न पर्याप्त डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ है और न आधारभूत सुविधाएं। ऐसे में तीसरी लहर से कैसे निपटेंगे।

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