हरियाणा के शहरी सेक्टरों के लोगों को बड़ी राहत, आवासीय प्लॉटों के बढ़ा सकेंगे फ्लोर एरिया रेशो
हरियाणा सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्र के लोगों को बडी राहत मिली है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) सेक्टरों में रहनेवाले लोगों को आवासीय प्लाटों पर फ्लोर एरिया रेशो (floor area ratio) बढा़ने की मंजूरी हरियाणा सरकार ने दे दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के सेक्टरों में रह रहे लोगों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब विभिन्न सेक्टरों में आवासीय भवनों के लिए आवंटित प्लाट के फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) को 2.64 फीसद तक बढ़ाया जा सकेगा। यह रेशो अभी 60 से 66 फीसद निर्धारित है। एफएआर में विस्तार के लिए तीन मरले तक के प्लाट के लिए जहां कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा, वहीं इससे अधिक बड़े प्लाटों के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है। जिन प्लाटों पर भवन निर्माण पहले ही हो चुका है, वहां भी शुल्क की अदायगी कर एफएआर को बढ़ाया जा सकता है।
एफएआर में विस्तार के लिए तीन मरले तक के प्लाट के लिए नहीं देना पड़ेगा अतिरिक्त शुल्क
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हरी झंडी मिलने के बाद मुख्य नगर योजनाकार गुंजन वर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। पिछले दिनों नगर एवं योजनाकार विभाग ने कालोनियों में रिहायशी प्लाटों और भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) आधारित सभी प्रोजेक्टों के लिए एफएआर में वृद्धि की इजाजत दी थी। उसी के आधार पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने सेक्टरों में आवासीय भवनों का एफएआर बढ़ाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था। सीएम की मुहर के बाद इसे लागू कर दिया गया है।
पहले से निर्मित भवनों में भी शुल्क की अदायगी कर बढ़ाया जा सकता है एफएआर
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय प्रशासकों, अधीक्षक अभियंता, कार्यकारी अभियंताओं और सब पदा अधिकारियों तथा वरिष्ठ नगर योजनाकार और जिला नगर योजनाकारों को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। तीन मरले तक के प्लाट पर जहां एफएआर को बढ़ाने के लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है, वहीं चार से दस मरले तक एफएआर को 2.64 फीसद तक बढ़ाने के लिए क्षेत्र की रेटिंग के हिसाब से शुल्क देना पड़ेगा। 14 मरले से लेकर दो कनाल तक के प्लाट पर 2.40 फीसद एफएआर बढ़ाने की मंजूरी दी गई है।
ये होंगी एफएआर की दरें-
एफएआर बढ़ाने के लिए हाईपर क्षेत्र में 1615 रुपये से लेकर 8070 रुपये तक प्रति वर्ग मीटर शुल्क देना होगा। प्रथम श्रेणी के उच्च क्षेत्र में 1295 रुपये से लेकर 6460 और द्वितीय श्रेणी के उच्च क्षेत्र में 970 से रुपए से लेकर 4845 प्रति वर्ग मीटर शुल्क रखा गया है। इसी तरह मध्यम क्षेत्र में 810 रुपये से लेकर 4035 रुपये, प्रथम श्रेणी के निम्न क्षेत्र में 650 रुपये से लेकर 3230 और द्वितीय श्रेणी के निम्न क्षेत्र में 485 रुपये से लेकर 2425 रुपये प्रति वर्गमीटर शुल्क रखा गया है।