अजय व अभय की जंग में बडा रहस्य, हिमाचल की वादियों में रुके 10 विधायक किसके
अजय और अभय चौटाला की जंग के बीच इनेलो के 10 विधायकों के हिमाचल की वादी टिंबर ट्रेल में होने की खबर है। पूरे मामले में रहस्य गहरा गया है कि आखिरकार ये विधायक किस खेमे के हैं।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:02 PM (IST)
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। अजय और अभय चाैटाला के बीच जंग में इनेलाे के 10 विधायकों को लेकर रहस्य गहरा गया है। इन विधायकाें के हिमाचल प्रदेश में पहाड़ों की वादी परवाणू के टिंबर ट्रेल में होने की बात सामने आई है। बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि ये विधायक किस खेमे के हैं। चौटाला परिवार और इनेलाे में मचे घमासान के बीच पार्टी के विधायकों को लेकर खींचतान मची हुई है। ऐसे में पार्टी के विधायकों की अग्निपरीक्षा शुरू हो गई है। कुछ विधायकों के गायब होने की खबरें भी सोशल मीडिया पर आ रही हैैं।
विधायकों को लेकर खींचतान और इनके खेमों को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। 17 नवंबर को जींद में अजय चौटाला खेमा और चंडीगढ़ में अभय चौटाला के खेमे द्वारा आयोजित होने वाली बैठक के मद्देनजर दोनों गुट अपने दांवपेंच चलने में लगे हैं। इसी बीच इनेलाे के कई विधायकों के भूमिगत होने की चर्चाएं चह रही है।पार्टी में घमासान के बीच इनेलो के 10 विधायकों के लिए हिमाचल प्रदेश के परवाणु के पर्यटक स्थल टिंबर ट्रेल में कमरे बुक होने की सूचना मिली हैै। इन कमरों में विधायक हैैं या नहीं और विधायक वहां अपनी मर्जी से गए अथवा उन्हें कोई लेकर गया है, यह अभी रहस्य बना हुआ है। 'भूमिगत' हुए इन विधायकों को 17 नवंबर की अलग-अलग बैठकों के कारण 'अज्ञातवास' पर माना जा रहा है।
विधायकों के जरिये ताकत दिखाने की जंग दोनों भाइयों अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला में छिड़ी हुई है। पहाड़ी चोटी पर बने टिंबर ट्रेल व मोक्षा में इन विधायकों के लिए कमरे बुक कराने की खबर है। विधायकों का भूमिगत होना रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अजय चौटाला के पुत्र दिग्विजय सिंह चौटाला ने विधायकों को जबरदस्ती अज्ञातवास पर भेजने के आरोप लगाए हैैं। इनेलो के प्रांतीय प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने इसे कोरी अफवाह और दिमागी उपज करार दिया है।धर्म संकट में फंसे कई इनेलो विधायक भूमिगत
दोनों भाइयों के बीच धर्मसंकट में फंसे कई इनेलो विधायकों के भूमिगत होने की चर्चाएं पिछले तीन-चार दिनों से चल रही हैं। जानकारों का कहना है कि दाेनों भाइयों द्वंद्व में फंसे ये विधायक अब भी दुविधा में हैं। विधायकों के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह पैदा हो गई कि वे अजय चौटाला की बैठक में जाएं या फिर अभय चौटाला के साथ खड़े नजर आएं। अजय चौटाला गुट इन विधायकों को गायब करने के आरोप लगा रहा है, जबकि अभय गुट का मानना है कि विधायक एक रणनीति के तहत बैठकें करने में जुटे हैैं।दूसरी ओर विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने अपने बड़े भाई अजय सिंह चौटाला को पिता आेमप्रकाश चौटाला के माध्यम से इनेलो से बाहर का रास्ता दिखाकर बड़ा दांव तो खेल दिया है, लेकिन 17 नवंबर को पूरे मामले का क्लाइमेक्स सामने आने की संभावना है। अभय ने अजय को पार्टी से बाहर कर पिछले लंबे समय से भतीजों द्वारा किए जा रहे हमलों का जवाब भी दिया है।
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि अभय चौटाला गुट को इस बात का अहसास हो गया था कि 17 नवंबर को जींद में अजय सिंह चौटाला द्वारा बुलाई गई बैठक में उनके और उनके समर्थकों के विरुद्ध कोई निर्णय लिया जा सकता है, लिहाजा उन्होंने इस बैठक से पहले ही अजय चौटाला के निष्कासन की भूमिका तैयार कर पूरी बाजी पलट दी।अभय चौटाला के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने भी 17 नवंबर को चंडीगढ़ में राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुला ली है। अजय और अभय की इस लड़ाई में सबसे बड़ी दुविधा विधायकों के सामने खड़ी हो गई। अभय गुट को मात देने के लिए जहां अजय समर्थक नई रणनीति बनाने में जुटे हैं, वहीं अभय गुट उन लोगों को भी बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में है, जो परिवार की इस लड़ाई में अपना लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
अजय और अभय गुट अपने-अपने ढंग से 17 नवंबर की बैठक की तैयारियों में जुट हुए हैं। अजय सिंह चौटाला अौर अभय सिंह चौटाला दाेनों गुप्त रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। अजय सिंह के परिवार से सिर्फ नैना चौटाला इनेलो में बाकी बची हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है उनके खिलाफ फिलहाल इसलिए कार्रवाई नहीं की जा रही, कि अभय चौटाला के विपक्ष के नेता पद के लिए विधायक के तौर पर उनका पार्टी में बने रहना जरूरी है।टिकट बांटने की पावर चौटाला के पास इसलिए बन रहा असमंजस
चूंकि टिकट बांटने का अधिकार ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला के पास है और लोकसभा व विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो ऐसे में विधायकों के सामने फैसला लेना मुश्किल हाे रहा हैै। इनेलो के चार विधायक पिरथी नंबरदार, राजदीप फौगाट, अनूप धानक और नैना चौटाला खुलकर अजय सिंह चौटाला के समर्थन में खड़े हैं, जबकि एक विधायक नगेंद्र भड़ाना का भाजपा को समर्थन है। बाकी विधायक फिलहाल हवा का रुख भांप रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।