हरियाणा कैबिनेट का जल्द विस्तार, भाजपा-जजपा ने विधायकों काे दी मंत्री पद की चासनी
हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का जल्द विस्तार होगा। कैबिनेट में दोनों दलोंं के एक-एक मंत्री शामिल किए जाएंगे। विधायकों में मंत्री पद की चासनी के लिए हाेड़ सी लग गई है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 29 Jun 2020 07:32 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार का विस्तार शीघ्र होने की संभावना है। हरियाणा में नए भाजपा अध्यक्ष और बरौदा विधानसभा के उपचुनाव की तैयारियों के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में दोनों दलों के विधायकों का एक-एक मंत्री बनना तय है। इससे दोनों दलों के विधायकों में मंत्री पद की चासनी की लालसा तीव्र हो गई है। इसके साथ ही कुछ मंत्रियों को बदला भी ला सकता है। ऐसे में यह होड़ और बढ़ सकती है।
दोनों दलों की ओर से मनोहर कैबिनेट मे एक-एक मंत्री बनना तयजातीय समीकरणों को साधते हुए दोनों राजनीतिक दल मंत्रिमंडल में अपने विधायकों को एडजेस्ट करेंगे। भाजपा किस वर्ग से अपनी पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाती है, उसके आधार पर भी मंत्रिमंडल में विधायकों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। ऐसे में किन दो विधायकों की मंत्री पद के रूप मेंं लाटरी लगेगी उस पर कयासबाजी शुरू हो गई है। दोनों पार्टियों में मंत्री पद के कई मजबूत दावेदार हैं।
अभी कैबिनेट में भाजपा कोटे के नौ और जजपा के दो मंत्री शामिल, एक मंत्री निर्दलीयहरियाणा कैबिनेट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अलावा दस मंत्री हैं। 90 सदस्यों वाली विधानसभा के आधार पर हरियाणा कैबिनेट में 14 मंत्री बन सकते हैं। जजपा कोटे से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व राज्य मंत्री अनूप धानक तथा निर्दलीय विधायकों के कोटे से चौ. रणजीत सिंह चौटाला सरकार में मंत्री बने हुए हैं। भाजपा कोटे में नौ मंत्री बनाए गए हैं। अब भाजपा व जजपा एक-एक मंत्री और बना सकते हैं।
एक कैबिनेट मंत्री और दो राज्य मंत्रियों का काम संतोषजनक नहींभाजपा और जजपा गठबंधन बरौदा सीट का उपचुनाव मिलकर लड़ेंगे। इसलिए दोनों दलों का प्रयास है कि मंत्रिमंडल विस्तार में ऐसे विधायकों को एडजेस्ट किया जाए, जिनका लाभ बरौदा चुनाव में मिल सके। हालांकि दोनों दलों को यह जातीय समीकरण भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ बदलना भी पड़ सकता है।
बागी तेवर ने रामकुमार गौतम का पत्ता लगभग काट दिया हैपहले जजपा कोटे से विधायक रामकुमार गौतम का मंत्री बनना पूर्व में तय माना जा रहा था, लेकिन उनके बागी तेवर से उनका पत्ता काट गया लगता है। इसके साथ ही अजय चौटाला व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत ने दादा गौतम को जिस तरह से उनके बागी तेवरों पर आंखें दिखाई हैं, उसे देखकर लग रहा कि अब उनका नंबर लगना मुश्किल है।
जजपा की ओर से ईश्वर सिंह, ढांडा, बबली और रामकरण काला में से एक का लग सकता है नंबरजजपा कोटे से मंत्री पद के प्रबल दावेदारों में गुहला चीका के विधायक चौधरी ईश्वर सिंह, जुलाना के विधायक अमरजीत सिंह ढांडा, टोहाना के विधायक देवेंद्र सिंह बबली और शाहबाद के विधायक रामकरण काला शामिल हैं। इनमें से कुछ विधायक मंत्री पद नहीं मिलने से शुरू से ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ईश्वर सिंह दलित, अमरजीत ढांडा व देवेंद्र बबली जाट तथा रामकरण काला भी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। देवेंद्र बबली ने टोहाना में हरियाणा भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को हराया है।
भाजपा वैश्य और पिछड़े विधायक पर खेल सकती दावभाजपा कोटे में भी एक मंत्री बनना है। मनोहर कैबिनेट में फिलहाल कोई वैश्य मंत्री नहीं है, हालांकि विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता वैश्य हैं। यदि भाजपा को किसी वैश्य को मंत्री बनाना पड़ा तो हिसार के विधायक डा. कमल गुप्ता, पलवल के विधायक दीपक मंगला, गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला, फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता और अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल के नामों पर विचार किया जा सकता है।
बडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा, तिगांव के विधायक राजेश नागर और घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण भी लाबिंग में हैं, हालांकि बल्ल्भगढ़ से मूलचंद शर्मा पहले से मंत्री हैं। भाजपा को यदि किसी पिछड़े वर्ग को मंत्रिमंडल में महत्व देना पड़ा तो इंद्री के विधायक एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य रामकुमार कश्यप और रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा का नाम आगे बढ़ाया जा सकता है। जाट कोटे में महीपाल सिंह ढांडा का नंबर आ सकता है।
मंत्रियों के कामकाज की हो रही समीक्षा, निर्दलीय की लाटरी संभवभाजपा व जजपा में जिस तरह से विचारधारा में भिन्नता की बातें छनकर बाहर आ रही हैं, उसके मद्देनजर किसी निर्दलीय विधायक को भी मंत्री बनाने का मौका दिया जा सकता है। इनमें पृथला के निर्दलीय विधायक एवं हरियाणा वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत का नाम सबसे ऊपर है। रावत मुख्यमंत्री की गुडबुक में शामिल हैं।
कामकाज को लेकर तीन मंत्रियों पर लटकी तलवारसूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट में ऐसे मंत्रियों के कामकाज का आकलन कर रहे हैं, जिनके रिजल्ट अच्छे नहीं हैं। इनमें तीन मंत्रियों के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें एक कैबिनेट मंत्री और दो राज्य मंत्री बताए जाते हैं। इनमें से कम से कम दो मंत्रियों को हटाकर जहां नए विधायकों को मौका दिया जा सकता है, वहीं जोशीले विधायकों को एडजेस्ट करने के भी संकेत मिल रहे हैं।
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