Haryana Politics: ...तो इस कारण टूटा हरियाणा में BJP-JJP का गठबंधन, दुष्यंत चौटाला की क्या थी मांग
चुनाव आयोग अब किसी भी दिन लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता की घोषणा कर सकता है। ऐसे में हर दल चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें भाजपा सबसे आगे दिखाई दे रही है। इसी को देखते हुए हरियाणा में मंगलवार को जजपा गठबंधन से अलग हो गई। इसके पीछे का कारण कहीं न कहीं लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग ही बताई जा रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा 2019 में भाजपा (Haryana BJP) ने राज्य में मनोहर लाल (Manohar Lal) के नेतृत्व में जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ सरकार बनाई थी। तब भाजपा को 90 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीट मिली थी। दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) सहित जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक बने थे। छह निर्दलीय विधायक बने थे।
जजपा के लिए दुष्यंत चौटाला मांग रहे थे दो सीट
भाजपा चाहती तो छह निर्दलीयों के साथ तब सरकार बना सकती थी लेकिन सरकार के स्थायित्व के चलते जजपा के साथ गठबंधन की सरकार बनाई। अब लोकसभा चुनाव में भाजपा मोदी की गारंटी की लहर के चलते राज्य की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला ले चुकी है लेकिन गठबंधन दल होने के नाते जजपा के लिए दुष्यंत चौटाला दो सीट की मांग कर रहे थे।
लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में राज्य भाजपा नेताओं के आग्रह पर यह मांग ठुकरा दी। इसके चलते दुष्यंत चौटाला के सामने अब स्वयं सहित जजपा के दाे अन्य मंत्रियों देवेंद्र बबली और अनूप धानक के साथ सरकार से इस्तीफा देने का विकल्प था लेकिन दुष्यंत ने इसमें देरी की।
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मनोहर लाल दोबारा ले सकते हैं शपथ
इसमें मनोहर लाल जजपा मंत्रियों को बर्खास्त कर सकती थी लेकिन भाजपा ने राजनीतिक रूप से यह निर्णय लिया कि पूरी सरकार का इस्तीफा दिया जाए। मुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट का इस्तीफा राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। अब मनोहर लाल दोबारा भाजपा व अन्य समान विचार वाले विधायकों के साथ दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
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