Exclusive Interview में बाेले अजय चौटाला- हरियाणा में भाजपा के साथ मिलकर चलाते रहेंगे सरकार
Exclusive Interview जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा भाजपा के साथ उन्होंने पहले भी हरियाणा में सरकार चलाई है और आगे भी चलाते रहेंगे।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 02 Sep 2020 07:58 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। Exclusive Interview: जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद पूर्व सांसद डा. अजय सिंह चौटाला अब हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों के दौरे पर निकलेंगे। हरियाणा में संगठन को मजबूत करने के साथ ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब पर उनकी निगाह है। इन राज्यों में अजय चौटाला संगठन का विस्तार करना चाहते हैं। चौटाला की योजना कार्यकर्ताओं के बीच रहकर उनकी बात सुनने तथा पार्टी को बड़े मुकाम पर पहुंचाने की है। डा. अजय चौटाला जजपा के आगे के सियासी सफर और कदम को लेकर भी स्पष्ट हैं। उन्होंने हरियाणा में भाजपा से गठजोड़ को मजबूत बताया। Exclusive Interview में उन्होंने कहा, भाजपा के साथ मिलकर पहले भी राज कर चुके हैं और आगे भी करते रहेंगे।
जननायक जनता पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद डा. अजय सिंह चौटाला से खास बातचीत
बता दें कि इनेलो के टूटने के बाद अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी अजय चौटाला के नेतृत्व में अभी तक जींद उपचुनाव, लोकसभा और विधानसभा तथा दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है। 10 विधायकों के साथ भाजपा सरकार में साझीदार जजपा के सामने अब सोनीपत जिले के बरोदा उपचुनाव की बड़ी चुनौती है। जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने डा. अजय चौटाला से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। पेश है इसके प्रमुख अंश-
- अभी तक आप परदे के पीछे रहकर पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों का संचालन कर रहे थे। अब विधिवत राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली। भविष्य की क्या योजनाएं हैं?- जिम्मेदारी तो पहले भी बहुत थी। अब और ज्यादा बढ़ गई है। हम सभी वर्करों को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। हरियाणा में पार्टी को मजबूत करने की योजना है। जनता के बीच पार्टी को नायक की भूमिका में खड़ा करेंगे। गांवों से लेकर शहरों तक, हर गली-मोहल्ले में पार्टी पहुंचेगी। ताऊ देवीलाल की नीतियों पर चल रही जजपा के हर छोटे से छोटे वर्कर की सुनवाई होगी।
- आपको संगठन चलाने का अच्छा अनुभव है। इनेलो के प्रधान महासचिव रहते हुए पार्टी को एक मुकाम पर पहुंचाया। जजपा के फैलाव को लेकर क्या योजना तैयार की है?- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में हमने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष तय कर दिए हैं। जल्द ही राजस्थान तथा पंजाब में भी संगठन खड़ा करेंगे। इसके बाद बाकी राज्यों की तरफ रुख करेंगे। जजपा को क्षेत्रीय पार्टी से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक ले जाना है।
- अमूमनन ऐसी बातें सामने आती हैं कि आपकी पार्टी के कई विधायक नाराज हैं। उनकी सुनवाई नहीं होती। काम भी नहीं होते?- मैं यह नहीं कहता कि सब खुश हैं, लेकिन कई विधायक नाराज हैं यह कांग्रेस तथा हमारे विरोधियों द्वारा फैलाई गई अफवाह है। कोरोना काल में विकास की गति का पहिया थम गया था। अब धीरे-धीरे सारा सिस्टम पटरी पर आ रहा है। हम भाजपा के सहयोगी हैं। विधायकों के विकास के कार्यों को गति नहीं मिलेगी तो किसे मिलेगी।
- नारनौंद के विधायक रामकुमा गौतम अक्सर गुस्से में रहते हैं। कभी अभय चौटाला तो कभी भूपेंद्र हुड्डा जजपा के विधायक अपने संपर्क में होने का दावा करते हैं?- रामकुमार गौतम जी की बात का हम बुरा नहीं मानते, लेकिन उन्हें संयम बरतना चाहिए। हर पार्टी में सब कुछ ठीक चलता है या चलता रहेगा, ऐसा बिल्कुल नहीं होता। हमारे यहां भी यदि ऐसी कोई बात सामने आती है या आएगी तो उसे सुलझाने के बहुत तरीके हैं। उतार चढ़ाव का नाम ही राजनीति है और हमारे सारे विधायक तथा कार्यकर्ता हमारे साथ हैं।
- उपमुख्यमंत्री के नाते दुष्यंत चौटाला जिस तरह से भाजपा की भाषा बोलते हैं, उससे कहा जा रहा कि एक दिन जजपा का भाजपा में विलय हो सकता है?- दुष्यंत चौटाला सरकार में साझीदार हैं। उनकी जिम्मेदारी है कि गठबंधन सरकार की नीतियों और योजनाओं का प्रचार प्रसार करें। विपक्ष के लोग तो हमें भाजपा की ए और बी टीम भी बताते हैं। हम कहां कह रहे कि हम भाजपा के साथ सरकार में शामिल नहीं है, लेकिन इन लोगों को यह भी समझ लेना चाहिए कि जजपा स्व. देवीलाल की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए अस्तित्व में आई है, भाजपा में विलय होने के लिए नहीं। जब हमारी पार्टी इनेलो थी, तब भी भाजपा और हम एक साथ थे। आज जजपा हैं तब भी हम साथ-साथ हैं और आगे भी साथ-साथ ही रहेंगे।
- सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। जननायक जनता पार्टी की क्या रणनीति रहेगी?- यहां भाजपा व जजपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। जिस पार्टी के उम्मीदवार को टिकट मिलेगा, उसका चुनाव चिन्ह होगा। हर रविवार को मैंने बरोदा की जनता के बीच जाने का कार्यक्रम तय किया है। बाकी दिनों में प्रदेश की बाकी जनता के बीच रहूंगा। गठबंधन के खाते में एक सीट बढ़ाकर ही हम दम लेंगे।
- बरोदा पर कभी ओमप्रकाश चौटाला तो कभी हुड्डा अपना दावा करते हैं। यहां किन मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाने वाला है?- बरोदा में अक्सर स्व. देवीलाल की नीतियां चुनाव जीतती रही हैं। हम देवीलाल के अनुयायी हैं और फिर चुनाव जीतेंगे। दस साल तक हुड्डा सीएम रहे, लेकिन वह बता दें कि इन सालों में उन्होंने बरोदा की जनता के लिए क्या किया। सिर्फ बातों से तो काम नहीं चलता।
- पिछले दिनों कुछ ऐसी भी बातें आई कि इनेलो में बिखराव के लिए आपको और दुष्यंत चौटाला को जिम्मेदार ठहराया गया?- चौधरी ओमप्रकाश चौटाला मेरे पिता और सुलझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। उनका राजनीतिक व्यक्तित्व सूरज को दीपक दिखाने के समान है। जब हमें पार्टी से निकाला गया था, तब तक तो हमने जजपा का गठन भी नहीं किया था। उसी समय हमने चौधरी साहब से कहा था कि उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। आज वैसे ही हालात बने हुए हैं। दुष्यंत और उनकी टीम ने जजपा को खड़ा करके दिखाया है। मामला अब इतना आगे बढ़ गया कि हमारे किसी के पास पीछे मुड़कर देखने का वक्त ही नहीं है।
- कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि यदि इनेलो में बिखराव नहीं होता तो आज सरकार आपकी होती?- कौन कह रहा है, आज भी हमारी ही तो सरकार है। मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि हमारे बीच किसी तरह का पारिवारिक मनमुटाव नहीं है। राजनीतिक विवाद थे, जिनका असर सबके सामने है। ओमप्रकाश चौटाला जी ने अभय सिंह चौटाला को पूरी पार्टी और 20 विधायक सौंपे थे। आज सिर्फ एक विधायक उनके पास रह गया। ऐलनाबाद में हमने उनका कोई विरोध नहीं किया था। यदि हम विरोध करते तो शायद वह यह एक सीट भी नहीं जीत पाते। दुष्यंत और उनकी टीम ने 10 विधानसभा सीटें जीतीं। डिप्टी सीएम बने। इसलिए इन बातों में अब कोई दम नहीं रखा।
- हुड्डा और अभय चौटाला कहते हैं कि लोगों ने जजपा को भाजपा के खिलाफ वोट दिए थे, लेकिन जजपा अब भाजपा की गोद में बैठ गई?- जब चुनाव हो रहे थे, तब तो हमारे बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ था। उस समय भाजपा भी अलग थी और जजपा भी अलग थी। कार्यकर्ता लंबे समय से राज से वंचित थे। स्व. देवीलाल कहा करते थे कि समस्याओं के समाधान के लिए राज जरूरी है। हमने कार्यकर्ताओं की सुनवाई और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए भाजपा के साथ राज में साझीदार होने का निर्णय लिया है।- भाजपा और जजपा की इस राजनीतिक दोस्ती का सफर कितना लंबा माना जा सकता है?- आपको और किसी को भी इस दोस्ती पर कोई शक नहीं करना चाहिए। हम पूरे तालमेल के साथ भाजपा का साथ दे रहे हैं। हमें भी उनका साथ मिल रहा है। यह साथ काफी लंबा चलेगा। निकट भविष्य में भी हम मिलकर ही काम करेंगे और मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे। खास बातें------------
- चौटाला परिवार में सिर्फ राजनीतिक मनमुटाव, पारिवारिक संबंध पहले जैसे ही मधुर।
- जजपा को क्षेत्रीय पार्टी से बढ़ाकर राष्ट्रीय दल तक पहुंचाने के लिए करेंगे काम।
- उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब राज्यों में रहेगा संगठन विस्तार पर फोकस।
- जजपा का कोई विधायक नाराज नहीं, यह विपक्ष के दिमाग की उपज, सबके काम हो रहे।
- भाजपा व जजपा दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़े, लेकिन राज में आना जरूरी था।
- पिताजी ने अभय को पूरी पार्टी और बीस विधायक दिए, उन्होंने सिर्फ एक कर दिया।
- हमने ओमप्रकाश चौटाला को अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए मजबूर किया।
- विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा बरोदा उपचुनाव, यह सीट गठबंधन के खाते में आएगी।
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