Haryana Election: राज्यसभा में बाहरी नेता नहीं भेजेगी भाजपा, किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई में से तय होगा नाम
हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट लिए चुनाव होना है। यह सीट कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है। विधायकों के संख्या बल को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की जीत तय मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव नजदीक होने से भाजपा किसी बाहरी नेताओं को राज्यसभा भेजने का जोखिम नहीं लेगी। बीजेपी किरण चौधरी या कुलदीप बिश्नोई को राज्यसभा भेज सकती है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा यहां से किसी बाहरी नेता को राज्यसभा में भेजने का रिस्क नहीं लेगी। भाजपा ने सैद्धांतिक फैसला किया है कि हरियाणा के किसी नेता अथवा कार्यकर्ता को ही राज्यसभा में भेजा जाएगा।
जाट नेताओं में पूर्व मंत्री किरण चौधरी और उनकी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी का नाम चर्चा में है, जबकि गैर जाट नेताओं में पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई का नाम भाजपा के राजनीतिक गलियारों में राज्यसभा के लिए घूम रहा है।
दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफा के बाद खाली हुई है सीट
इन दोनों प्रमुख दावेदारों के अलावा भी आधा दर्जन नेता अपनी लॉटरी लगने की आस लेकर चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक लाबिंग करने में जुटे हैं। रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के इस्तीफा देने की वजह से हरियाणा से राज्यसभा की एक सीट खाली हुई है।तय मानी जा रही है भाजपा की जीत
विधायकों के संख्या बल के आधार पर इस सीट पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के पास चूंकि विधायकों का पर्याप्त संख्या बल नहीं है तो ऐसे में वह चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी।
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दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस पर कसा तंज
हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को अपने एक्स हैंडल पर कांग्रेस पर राज्यसभा चुनाव लड़ने का दबाव बनाया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि 21 अगस्त को राज्यसभा के उपचुनाव के लिए नामांकन की तिथि है। अब हमारे चार से पांच विधायक भी कांग्रेसी हो चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि यदि कांग्रेस यदि अपना उम्मीदवार उतारेगी तो वह चुनाव जीत सकते है। दुष्यंत चौटाला यहीं नहीं रुके।
उन्होंने चुटली ली कि अगर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भाजपा से सांठगांठ नहीं है तो उन्हें राज्यसभा में अपनी पार्टी का उम्मीदवार खड़ा करने की पहल करनी चाहिए। हम भाजपा के खिलाफ वोट करेंगे।यह भी पढ़ें- Vidhan Sabha Election 2024: हरियाणा के चुनावी रण में ज्यादातर दिग्गज उतारेगी भाजपा, लागू होगा मध्यप्रदेश का फार्मूला
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