Haryana Election: क्या अपने ‘एक परिवार-एक टिकट’ की नीति पर कायम रह पाएगी भाजपा? दिग्गजों से निपटना सबसे बड़ी चुनौती
हरियाणा में भाजपा के अपने ही उसके लिए चुनौती बन रहे हैं। दरअसल कई बड़े नेता अपने परिजनों के लिए टिकट मांग रहे हैं और भाजपा हमेशा परिवारवाद पर हमलावर रही है। रणनीतिकारों ने कहा कि टिकटों के बंटवारे में रीति-नीति का ध्यान रखा जाएगा। भाजपा के एक दर्जन दिग्गजों ने परिवार के लिए टिकट मांगा है अगर टिकट नहीं मिला तो कुछ निर्दलीय ताल ठोक सकते हैं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव में भाजपा ‘एक परिवार-एक टिकट’ की अपनी नीति पर कायम रहने के साथ-साथ असरदार राजनीतिक परिवारों को खुश करने की चुनौती से जूझ रही है। करीब एक दर्जन ऐसे रसूखदार नेता हैं, जो देश-प्रदेश की राजनीति में अच्छा हस्तक्षेप रखते हैं। वे स्वयं पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर हैं और अब विधानसभा चुनाव में अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे हैं।
परिवारवाद पर हमलावर रही है भाजपा
भाजपा के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसने हरियाणा में हमेशा परिवारवाद की राजनीति पर कड़े प्रहार किए हैं। प्रदेश की राजनीति में चौधरी देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिवारों का पूरा वर्चस्व है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक राजनीति में परिवारवाद पर जमकर हमला बोल चुके हैं। भाजपा हरियाणा के चुनाव में अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं के स्वजन को टिकट देती है तो उसे विपक्ष के सवालों का जबरदस्त तरीके से सामना करना पड़ेगा।
फरीदाबाद में हुई आरएसएस और भाजपा की समन्वय बैठक में भाजपा नेताओं द्वारा परिवार के सदस्यों के लिए मांगे जा रहे टिकटों को लेकर चर्चा हुई थी।
आरएसएस इस हक में नहीं था कि भाजपा में परिवारवाद की राजनीति को हवा दी जाए, लेकिन भाजपा के कुछ रणनीतिकारों का मानना है कि इस चुनाव में उसके लिए एक-एक सीट पर जीत हासिल करना बहुत जरूरी है। कुछ सीटों पर समझौता भी करना पड़ सकता है।
टिकटों के आवंटन में रीति-नीति का ध्यान रखेगी भाजपा
भाजपा के रणनीतिकारों ने संकेत दिए हैं कि टिकटों के आवंटन में सभी तरह के सर्वेक्षणों और पार्टी की रीति-नीति का ध्यान रखते हुए अगर परिवार का कोई सदस्य सीट जीत सकने की स्थिति में होगा तो उस पर गंभीरता से विचार किया जा सकता है।
खास बात यह है कि भाजपा में अधिकतर वह नेता अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे हैं, जो किसी समय दूसरे दलों की राजनीति करते थे और अब भाजपा को समर्पित हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत हर हाल में अपनी बेटी आरती राव को चुनावी रण में उतारने वाले हैं। आरती राव अटेली और रेवाड़ी से टिकट की दावेदार हैं।
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