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Haryana Politics: कुलदीप बिश्नोई की राजनीतिक चाल पर निगाह रख रही भाजपा, रणजीत चौटाला से अनबन का मिल सकता फायदा

हिसार में रणजीत चौटाला के साथ कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) चल नहीं पा रहे हैं। वहीं बीजेपी हाईकमान ने इसे गंभीरता से लिया हुआ है। कुलदीप ने समर्थकों की बैठक बुलाई हुई है जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। राजस्थान और हरियाणा में बिश्नोई समाज के काफी संख्या में वोट हैं। रणजीत चौटाला (Ranjeet Chautala) को टिकट देने के बाद से कुलदीप बिश्नोई नाराज चल रहे हैं।

By Anurag Aggarwa Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 05 May 2024 06:46 PM (IST)
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कुलदीप बिश्नोई की राजनीतिक चाल पर निगाह रख रही भाजपा (फाइल फोटो)।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राजस्थान और हरियाणा में लोकसभा चुनाव की टिकट से वंचित भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ने सोमवार को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। हिसार में भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला के कार्यक्रमों से स्वयं को अलग कर चल रहे पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की इस बैठक पर सभी की निगाह टिकी हुई है। कुलदीप बिश्नोई भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने भाजपा को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई। वहां कुलदीप प्रदेश चुनाव सह प्रभारी की भूमिका में थे। राजस्थान और हरियाणा में बिश्नोई समाज के काफी संख्या में वोट हैं।

रणजीत चौटाला को टिकट देने से नाराज चल रहे कुलदीप बिश्नोई

कुलदीप बिश्नोई को लग रहा था कि भाजपा उन्हें राजस्थान या हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से टिकट देगी, लेकिन पार्टी हाईकमान ने कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु और रणबीर गंगवा की दावेदारी को दरकिनार कर रणजीत चौटाला को टिकट दिया है। रणजीत चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे हैं। रणजीत चौटाला को टिकट देने के बाद से कुलदीप बिश्नोई नाराज चल रहे थे।

नामांकन में नहीं पहुंचे कुलदीप और भव्य बिश्नोई

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनसे बातचीत कर नाराजगी दूर करने का प्रयास किया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने पूर्व सीएम मनोहर लाल के साथ आदमपुर में हुई रैली में रणजीत चौटाला का मंच साझा किया, लेकिन इसके बाद हुए नामांकन में कुलदीप और उनके विधायक बेटे भव्य बिश्नोई नहीं पहुंचे।

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छह मई आदमपुर में बुलाई समर्थकों की बैठक

कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराज होकर भाजपा में आए थे। भाजपा ने उनके बेटे भव्य को आदमपुर से टिकट देकर विधायक बनाया। रणजीत चौटाला के कार्यक्रमों में कुलदीप बिश्नोई और उनके बेटे की गैर मौजूदगी को पार्टी ने गंभीरता से लिया है, जिसके बाद अब कुलदीप बिश्नोई ने छह मई को आदमपुर में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है।

बताया जाता है कि इस बैठक में कुलदीप बिश्नोई की ओर से रणजीत चौटाला के लिए वोट मांगने का कार्यक्रम तय किया जा सकता है, लेकिन भाजपा के कुछ नेताओं का मानना है कि कुलदीप हिसार के चुनाव में स्वयं को सिर्फ आदमपुर तक सीमित रखना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने सिर्फ आदमपुर में ही बैठक बुलाई है।

सत्ता विरोधी फैसला कुलदीप को पहुंचा सकता नुकसान

कुलदीप बिश्नोई के समर्थकों ने यह संकेत भी दिए हैं कि वह लोकसभा चुनाव के नतीजों को देख रहे हैं। यदि नतीजे अच्छे रहे तो वह भाजपा में बने रहेंगे और यदि कुछ गड़बड़ हुआ तो उन्हें पाला बदलने में देर नहीं लगेगी। वैसे भी कुलदीप पार्टियां बनाने, पाला बदलने व गठबंधन की राजनीति करने में माहिर बताए जाते हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रहते उनकी कांग्रेस में दाल नहीं गलने वाली है। ऐसे में यदि कुलदीप सत्ता विरोधी कोई फैसला लेते हैं तो यह उनके राजनीतिक करियर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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