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भूपेंद्र हुड्डा के रोहतक, चौटाला के गढ़ सिरसा को नहीं भेद पाई भाजपा; नूंह में भी मुरझाया रहा कमल

हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का कीर्तिमान बनाया है। पार्टी ने पहली बार 48 सीटें जीती हैं। इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गृह जिला रोहतक चौटाला परिवार का गढ़ सिरसा और मुस्लिम बहुल नूंह जिले में कमल नहीं खिल सका। बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 48 कांग्रेस को 37 सीटें मिली है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Fri, 11 Oct 2024 12:13 PM (IST)
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रोहतक और सिरसा में भाजपा को नहीं मिली एक भी सीट (फाइल फोटो)
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पहली बार रिकॉर्ड 48 सीटें जीती हैं। इसके बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृह जिले रोहतक, चौटाला परिवार के गृह जिले सिरसा और मुस्लिमों के गढ़ नूंह को भाजपा नहीं भेद पाई। फतेहाबाद और झज्जर सहित पांच जिलों में भाजपा का खाता नहीं खुल पाया।

पिछले चुनाव में इन जिलों में नहीं खिल पाया था कमल

पिछले विधानसभा चुनाव में भी चरखी दादरी, रोहतक, झज्जर, सिरसा और नूंह में कमल नहीं खिल पाया था। भाजपा के साथ सीधी टक्कर में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी पांच जिलों करनाल, पानीपत, चरखी दादरी, रेवाड़ी और गुरुग्राम में खाता नहीं खोल पाई। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के हाथ कैथल, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गुरुग्राम और पलवल में खाली रहे थे।

सिरसा जिले में ही सिमट कर रह गई इनेलो

इनेलो पिछली बार की तरह केवल सिरसा जिले में सिमटकर रह गई। पिछली बार ऐलनाबाद से जीतने वाले अभय चौटाला भले ही हार गए, लेकिन रानियां में अर्जुन चौटाला और डबवाली में आदित्य चौटाला ने इनेलो को इस बार जीत दिला दी। पिछले विधानसभा चुनाव में छह जिलों में जीतने वाली जननायक जनता पार्टी (जजपा) इस बार कहीं खाता खोलना तो दूर, जमानत भी नहीं बचा पाई।

पिछले चुनाव में अच्छा था जजपा का प्रदर्शन

2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा ने जींद और हिसार में सर्वाधिक तीन-तीन सीटें जीतने के साथ ही कैथल, कुरुक्षेत्र, चरखी दादरी और फतेहाबाद में एक-एक सीट जीती थी। सात जिलों कैथल, चरखी दादरी, करनाल, रोहतक, सिरसा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में विजय पताका फहराने वाले निर्दलीय भी इस बार सोनीपत, हिसार और झज्जर में सिमटकर रह गए हैं।

कैसा रहा इस बार का विधानसभा चुनाव

  • हरियाणा के 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को डाले गए थे वोट।
  • भाजपा ने 48, कांग्रेस को मिली थी 37 सीटें।
  • हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी भाजपा।
  • नायब सिंह सैनी का एक बार फिर मुख्यमंत्री बनना लगभग तय।
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चौटाला और कांडा के काम न आया समर्थन

रणजीत सिंह चौटाला और सिरसा से हरियाणा लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक गोपाल कांडा को इस बार राजनीतिक दलों का समर्थन काम नहीं आया। जजपा-आसपा गठबंधन ने रणजीत सिंह चौटाला को समर्थन दिया, लेकिन चौटाला तीसरे स्थान पर पिछड़ गए।

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