भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार में फिर खेला जाट कार्ड
हरियाणा में भाजपा एक बार फिर गैर जाट कार्ड खेलने जा रही है। मनोहरलाल मंत्रिमंडल के फेरबदल में आज शामिल किए जाने वाले मंत्री गैर जाट हैं।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 22 Jul 2016 09:11 PM (IST)
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की मनोहरलाल सरकार के आज कैबिनेट फेरबदल में भाजपा फिर गैर जाट कार्ड खेला। मनोहर सरकार के पौने दो साल के कार्यकाल में यह दूसरा कैबिनेट फेरबदल है। करीब एक साल पहले की तरह इस बार भी गैर जाट विधायकों को मंत्री बनाकर भाजपा ने साफ संकेत दियाकि उसका अपने परंपरागत वैश्य, दलित और पंजाबी वोट बैंक पर ही मुख्य फोकस है।
विपुल गोयल बनेंगे कैबिनेट मंत्री, मनीष ग्रोवर और बनवारी लाल को मिलेगा राज्य मंत्री का तोहफा मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने मंत्रिमंडल में दो कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री बनाया है। इनमें फरीदाबाद के विधायक विपुल गोयल (वैश्य) और रोहतक के विधायक मनीष ग्रोवर (पंजाबी) को कैबिनेट तथा बावल के विधायक डा. बनवारी लाल (दलित) को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। मनोहर कैबिनेट में फिलहाल मुख्यमंत्री समेत नौ कैबिनेट मंत्री, पांच राज्य मंत्री और चार मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) हैैं।पढ़ें : मनोहर मंत्रिमंडल से सर्राफ सहित दो की होगी छुट्टी, बनेंगे 3 नए मंत्री
संगठन की बागडोर संभालने को राजी नहीं हुआ कोई मंत्री तो अटकी बराला की एंट्री
संगठन की बागडोर संभालने को राजी नहीं हुआ कोई मंत्री तो अटकी बराला की एंट्री
कैप्टन अभिमन्यु और ओमप्रकाश धनखड़ के रूप में जाट मंत्रियों की संख्या दो है। कयास यह भी लगाए जा रहे थे कि भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष सुभाष बराला को कैबिनेट में लिया जा सकता है, लेकिन किसी मंत्री के संगठन में आने के लिए राजी नहीं होने की वजह से बराला की एंट्री फिलहाल रुक गई। बराला के मंत्री नहीं बनने के पीछे पिछले दिनों हुए जाट आरक्षण आंदोलन की तपिश को भी महसूस किया जा रहा है।पढ़ें : पूर्व सीएम हुड्डा पर अब ईडी का शिकंजा, एजेएल प्लाट मामले में केस दर्ज
मंत्रिमंडल में 14 मंत्री बनाए जा सकते हैैं, यह कोटा पूरा हो गया है। पहले से कारण एक मंत्री की जगह खाली चल रही थी। मंत्रिमंडल से दाे राज्य मंत्रियों धनश्याम सर्राफ और बिक्रम ठेकेदार को हटाया गया। सरकार ने न केवल खाली जगह भरी है । नई नियुक्तियों में जातीय संतुलन भी साधा गया है।
पहले भी साधा था जातीय संतुलन मनोहर कैबिनेट में पहला विस्तार 24 जुलाई 2015 को हुआ था। उस समय कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार (दलित), राज्य मंत्री घनश्याम सर्राफ (वैश्य), राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी (पिछड़ा वर्ग) बनाए गए थे। इनके अलावा चार सीपीएस श्याम सिंह राणा, बख्शीश सिंह विर्क, सीमा त्रिखा और डा. कमल गुप्ता की नियुक्ति में भी जातीय समीकरण का ध्यान रखा गया था।
अब हो गया मनोहर का भरा पूरा परिवार आज के कैबिनेट विस्तार में मंत्रियों की संख्या पूरी हो गई। विधायकों की संख्या के अनुपात में अब मनोहर कैबिनेट के पूरे 14 मंत्री हैं, जबकि चार सीपीएस पहले ही बनाए जा चुके हैैं।
गुप्ता और महाजन को पहले से राज्य मंत्री का दर्जा पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता को राज्य मंत्री का दर्जा देकर सरकार उन्हें पहले ही संतुष्ट कर चुकी है। एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन को भी सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दे रखा है।
दो मंत्रियों को अपने विभाग कम करने पर आपत्ति कद्दावर मंत्रियों से बहुत अधिक विभाग नहीं छीने जाएंगे। संभावना इस बात की अधिक है कि जिन मंत्रियों के पास ज्यादा महकमे हैं, उनसे उनकी इच्छा अनुसार ही महकमे देने को कह दिया गया है। इसके लिए वह राजी भी हैं, लेकिन दो मंत्रियों को अपने विभाग देने पर कड़ी आपत्ति है।
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अब हो गया मनोहर का भरा पूरा परिवार आज के कैबिनेट विस्तार में मंत्रियों की संख्या पूरी हो गई। विधायकों की संख्या के अनुपात में अब मनोहर कैबिनेट के पूरे 14 मंत्री हैं, जबकि चार सीपीएस पहले ही बनाए जा चुके हैैं।
गुप्ता और महाजन को पहले से राज्य मंत्री का दर्जा पंचकूला के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता को राज्य मंत्री का दर्जा देकर सरकार उन्हें पहले ही संतुष्ट कर चुकी है। एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन को भी सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दे रखा है।
दो मंत्रियों को अपने विभाग कम करने पर आपत्ति कद्दावर मंत्रियों से बहुत अधिक विभाग नहीं छीने जाएंगे। संभावना इस बात की अधिक है कि जिन मंत्रियों के पास ज्यादा महकमे हैं, उनसे उनकी इच्छा अनुसार ही महकमे देने को कह दिया गया है। इसके लिए वह राजी भी हैं, लेकिन दो मंत्रियों को अपने विभाग देने पर कड़ी आपत्ति है।