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केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजने की तैयारी में BJP, लुधियाना से हार गए थे लोकसभा चुनाव

Ravneet Bittu कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रवनीत सिंह बिट्टू लुधियाना से लोकसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। अब रवनीत सिंह बिट्टू को बीजेपी हरियाणा से राज्यसभा भेजने की तैयारी में है। कांग्रेस के टिकट पर वे तीन बार लोकसभा सांसद बन चुके हैं। पंजाब की तरह हरियाणा में भी भाजपा बिट्टू को सिख चेहरा बनाने की तैयारी में है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 28 Jul 2024 01:24 PM (IST)
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Ravneet Bittu: रवनीत बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजने की तैयारी में बीजेपी।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। पंजाब के सिख नेता रवनीत सिंह बिट्टू को भाजपा हरियाणा में सिख चेहरे के रूप में स्थापित करने की तैयारी में है। रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। आनंदपुर साहिब और लुधियाना से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार सांसद रह चुके बिट्टू इस बार भाजपा के टिकट पर लुधियाना से लोकसभा चुनाव हार गये थे।

कांग्रेस के राजा अमरिंदर सिंह वडिंग ने बिट्टू को करीब 20 हजार मतों के अंतर से चुनाव हराया था। लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद भाजपा ने मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय रेल राज्य मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री के रूप में महत्व दिया।

हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली

हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट हाल ही में खाली हुई है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से लोकसभा चुनाव जीते, जिसके बाद उन्होंने राज्यसभा की सीट छोड़ दी। 90 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों के संख्या बल के आधार पर राज्यसभा सीट पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।

विपक्षी दल कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी और इनेलो के पास हालांकि एक साझा उम्मीदवार उतारने का विकल्प है, लेकिन किसी सर्वमान्य नाम पर तीनों राजनीतिक दल सहमत नहीं हो रहे हैं।

तय मानी जा रही भाजपा की जीत

जयहिंद सेना के संयोजक नवीन जयहिंद ने सभी विपक्षी दलों से अनुरोध किया है कि वे उन्हें अपना साझा उम्मीदवार बनाएं, लेकिन किसी ने अभी इसके लिए स्पष्ट रूप से हामी नहीं भरी है। विपक्षी दलों में बिखराव के चलते इस सीट पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।

भाजपा के पास हरियाणा के राज्यसभा के लिए वैसे तो उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं है, लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह भाजपा को सिख मतदाताओं का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया है, उसे देखकर लग रहा है कि पंजाब के सिख नेता रवनीत सिंह बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजा जा सकता है।

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हरियाणा में सिखों का भरोसा जीतने की कोशिश

देश भर में चूंकि राज्यसभा की ज्यादा सीटें खाली नहीं हैं और हरियाणा चूंकि पंजाब से सटा राज्य है, इसलिए रवनीत बिट्टू को हरियाणा से राज्यसभा भेजकर भाजपा न केवल उनका केंद्रीय मंत्री पद बरकरार रखना चाहेगी, बल्कि हरियाणा में सिखों का भरोसा जीतने की भी कोशिश करेगी।

भाजपा के बाकी दावेदारों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा, पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़, पूर्व मंत्री विपुल गोयल, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर, पूर्व मंत्री कविता जैन और पूर्व सांसद संजय भाटिया के नाम लिए जा रहे हैं।

विपक्षी दलों में साझा उम्मीदवार पर सहमति नहीं

राज्यसभा के चुनाव में विपक्ष के किसी साझा उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बनने के बावजूद जननायक जनता पार्टी अपना अलग उम्मीदवार खड़ा करने पर विचार कर रही है।

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दो दिन पहले अनौपचारिक बातचीत में इसके संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जयहिंद अभी तक उनके पास किसी तरह का समर्थन प्राप्त करने नहीं आए हैं।

क्या है भूपेंद्र हुड्डा का दावा

कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उसके पास विधायकों का संख्या बल नहीं है, इसलिए वह अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारेगी, लेकिन कोई दावेदार यदि जजपा के 10 और इनेलो समेत विपक्ष के बाकी तीन उम्मीदवारों का समर्थन लेकर हमारे पास आ जाए तो हम उसको वोट देंगे।

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