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Haryana Election 2024: हरियाणा में ब्राह्मणों और वैश्यों को साधने में जुटी भाजपा, टिकटों में दिखाएगी दरियादिली

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Election) में तीसरी बार सत्ता पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी कोशिश कर रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा की नजर प्रदेश के ब्राह्मण और वैश्य वोटों पर रहेगा। इसके भाजपा टिकट बंटवारे में भी दरियादिली दिखा सकती है। बता दें कि प्रदेश में 12 प्रतिशत ब्राह्मण वोट है जो जीत- हार में अहम भूमिका निभा सकता है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 03 Sep 2024 07:31 AM (IST)
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ब्राह्मण और वैश्य वोटों पर रहेगी भाजपा की नजर (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में ब्राह्मणों का भरोसा जीतने के प्रयास में जुटी भाजपा ने ब्राह्मणों से किए वादे पूरे करने के साथ ही प्रमुख नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़वाने का संकेत दिया है। भाजपा की निगाह राज्य में 12 प्रतिशत ब्राह्मण वोट पर है, जो जीत-हार में अहम भूमिका निभा सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष पद पर राई के विधायक मोहन लाल बड़ौली की नियुक्ति के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के परिवार को अपनी इसी रणनीति के तहत पार्टी में शामिल किया गया है। उनके बेटे कार्तिकेय शर्मा भाजपा के सहयोग से राज्यसभा में पहुंचे हैं, जबकि पत्नी शक्ति रानी शर्मा रविवार को भाजपा में शामिल हुई हैं।

ब्राह्मण और वैश्यों पर होगा भाजपा का फोकस

अंबाला नगर निगम की चेयरपर्सन शक्ति रानी शर्मा को भाजपा विधानसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी में है। गैर जाट मतों के सहारे दो बार सत्ता में आई भाजपा का इस बार फिर फोकस ब्राह्मण और वैश्यों पर ही होगा।

साल 2014 में जब भाजपा ने 47 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी, तब पंडित रामबिलास शर्मा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष थे। तब वे मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में मनोहर लाल से पिछड़ गए थे, प्रो. रामबिलास को राज्य में सर्वमान्य ब्राह्मण नेता के रूप में स्वीकार किया जाता है।

पार्टी ने उन्हें साल 2019 में महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़वाया था, लेकिन वे कांग्रेस के राव दान सिंह से हार गए थे। भाजपा उन्हें फिर से चुनावी रण में उतारने को तैयार नजर आ रही है।

अरविंद शर्मा को इन सीटों से चुनाव लड़ाना चाहती है बीजेपी

भाजपा रोहतक के सांसद रह चुके डॉ. अरविंद शर्मा को इस बार करनाल अथवा गोहाना से विधानसभा चुनाव लड़वाने पर विचार कर रही है। गोहाना से इंटरनेशनल रेसलर योगेश्वत दत्त शर्मा दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन राजनीति में किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। रामकुमार गौतम को भी पार्टी ने दो दिन पहले भाजपा में शामिल किया है।

मोहन लाल बड़ौली नहीं लड़ेगे चुनाव

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर चूंकि पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी है, इसलिए उन्हें विधानसभा चुनाव स्वयं लड़ने की बजाय लड़वाने को कहा गया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल फरीदाबाद में अपने भरोसेमंद साथी अजय गौड़ को टिकट दिलाने की पूरी कोशिश में हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी उनका नाम चला था।

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राज्यमंत्री असीम गोयल की सीट बदले जाने की संभावना

शक्ति रानी शर्मा के भाजपा में आने के बाद अंबाला सिटी के भाजपा विधायक व परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल के सामने नई चुनौतियां पैदा हो गई हैं। शक्ति रानी शर्मा को अंबाला सिटी से टिकट मिलने की स्थिति में असीम गोयल का निर्वाचन क्षेत्र बदला जा सकता है।

असीम गोयल अंबाला शहर छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थक विकल्प के रूप में पंचकूला में भी तैयारी कर रहे हैं। यहां राज्यसभा सदस्य बनने की दौड़ में कई दिनों तक शामिल रहे विधानसभा स्पीकर डॉ. ज्ञानचंद गुप्ता टिकट के फिर से दावेदार हैं, लेकिन पार्टी उनकी दावेदारी को कितनी गंभीरता से लेती है, यह देखने वाली बात है।

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