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Haryana के पंचकूला से हिमाचल के बद्दी तक बिछेगी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन, सरकार ने दी परियोजना को मंजूरी

नई ब्राड गेज रेलवे लाइन से रेलवे द्वारा पंचकूला से हिमाचल प्रदेश के बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के बीच माल की ढुलाई में आसानी होगी। इससे क्षेत्र में अधिक विकास के अवसर पैदा होंगे। प्रदेश सरकार ने परियोजना की मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस के लिए भेजने का निर्णय लिया है। इसके अलावा गुरुग्राम में अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग के दो प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई।

By Anurag AggarwaEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sun, 01 Oct 2023 06:45 AM (IST)
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पंचकूला से हिमाचल के बद्दी तक बिछेगी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंचकूला जिला में स्थित चंडी मंदिर से लेकर हिमाचल प्रदेश के बद्दी तक नई ब्राड गेज रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। प्रदेश सरकार ने परियोजना की मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस के लिए भेजने का निर्णय लिया है। इसके अलावा गुरुग्राम के गांव ढोरका में अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग के दो प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को स्टेट बोर्ड फार वाइल्ड लाइफ की सातवीं बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में वन एवं वन्य जीवों का संरक्षण करते हुए विकास-योजनाओं को आगे बढ़ाना है। नई ब्राड गेज रेलवे लाइन के निर्माण से रेलवे द्वारा पंचकूला से हिमाचल प्रदेश के बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के बीच माल की ढुलाई में आसानी होगी।

इससे क्षेत्र में अधिक विकास के अवसर पैदा होंगे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण अपने आप में जंगली पौधों और जंगली प्रजातियों एवं उनके आवास की रक्षा करने का एक जटिल और संवेदनशील कार्य है। वन्य-जीवन धरती माता के सभी पारिस्थितिक घटकों के बीच संतुलन बनाए रखने का आधार है।

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वन्यजीव संरक्षण इसलिए भी जरूरी है कि मनुष्य की आने वाली पीढ़ियां प्रकृति का आनंद ले सकें। वन्यजीवों पर बढ़ते मानव दबाव के बावजूद हमें न केवल वन्यजीवों को बढ़ाना है बल्कि इसे इसके वर्तमान स्वरूप में संरक्षित करना भी है। ग्लोबल वार्मिंग, अनियमित वर्षा, बार-बार पड़ने वाले सूखे के कारण वन्यजीव खतरे में हैं, जो हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन की अभिव्यक्ति हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल राज्य में अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए भी समान रूप से प्रतिबद्ध है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के आयुक्त पंकज अग्रवाल, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर आफ फारेस्ट जगदीश चंद्र ने कई अहम सुझाव दिए।

गुरुग्राम में लोगों को मिल सकेंगे सस्ते मकान

सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान के पास दो किफायती आवास परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जो एक पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र है। यह स्थान गुरुग्राम से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। गुरुग्राम के सेक्टर 95 के ढोरका गांव में दो आवासीय परियोजनाएं विकसित होने से लोगों को सस्ते आवास उपलब्ध कराए जा सकेंगे। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की स्थाई समिति पहले ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुकी है।