Haryana: अध्यापक पात्रता परीक्षा के बिना PGT भर्ती के लिए उम्मीदवार योग्य नहीं, HC का एकल बेंच के आदेश पर रोक
Haryana पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को राहत देते हुए एकल बेंच के उस आदेश पर रोक लगा दी है। एकल बेंच के सामने सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि शिक्षा समवर्ती विषय है। भारत सरकार की राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद पूरे देश के लिए अध्यापकों की योग्यता के बारे में नियम तय करने के लिए अधिकृत है।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 31 Aug 2023 05:00 AM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को राहत देते हुए एकल बेंच के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत बेंच ने बगैर पात्रता परीक्षा के पीजीटी भर्ती में आवेदन स्वीकार करने का आदेश दिया था।
इसी के साथ डिवीजन बेंच ने सरकार को इस मामले में एकल बेंच के पास जाने की सलाह दी है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा व जस्टिस विकास बहल की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार की अपील पर यह आदेश दिया। एकल बेंच ने हरियाणा सरकार द्वारा पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) भर्ती के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य करने को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश जार किया था।
टीजीटी तक के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य है।
एकल बेंच के सामने सरकार की शिक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि शिक्षा समवर्ती विषय है। भारत सरकार की राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद पूरे देश के लिए अध्यापकों की योग्यता के बारे में नियम तय करने के लिए अधिकृत है।राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा तय नियमों के अनुसार केवल टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) तक के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य है।
पूरे देश में केवल हरियाणा में ही पीजीटी टीचर के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा अनिवार्य है। कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार के पास इस टीचर की योग्यता तय करने का अधिकार नहीं है।यह अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के पास है। ऐसे में हरियाणा में पीजीटी भर्ती में अध्यापक पात्रता परीक्षा लागू करना पूरी तरह से कानून के खिलाफ है।
याची पक्ष की दलील स्वीकार की जाए- कोर्ट
कोर्ट को बताया गया कि पिछले दिनों हरियाणा लोक सेवा आयोग ने पीजीटी टीचरों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। याचिकाकर्ताओं ने अध्यापक पात्रता परीक्षा पास नहीं की हुई है।
ऐसे में उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए गए। कोर्ट से मांग की गई कि वह सरकार को आदेश दे और उनके आवेदन स्वीकार किए जाएं। याची पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि याची के आवेदन स्वीकार करें।
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