Stubble Burning: हरियाणा में पराली जलाने के मामले घटे, पंजाब में तीन चौथाई स्थानों पर जलती दिखी पराली
Stubble Burning हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम हुए हैं और नासा द्वारा इस संबंंध में जारी सेटेलाइट तस्वीरों में भी इसकी पुष्टि हुई है। दूसरी ओर पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है और तीन-चौथाई जगहोंं पर पराली जलती तस्वीर मिली है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Stubble Burning: हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक करने के प्रयास सफल रहे हैं। इसकी पुष्टि अमेरिका की नेशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) द्वारा जारी सेटेलाइट तस्वीरों पर आधारित रिपोर्ट से हुई है। एजेंसी द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले 24 घंटे में हरियाणा में पराली जलाने के मामले और भी कम हुए हैं। दूसरी ओर, पड़ोसी राज्य पंजाब के तीन चौथाई हिस्से पर पराली जलने की लाइव इमेज देखी जा सकती हैं।
नासा ने जारी की तस्वीरें, दोनों राज्यों में पिछले 24 घंटे में जल रही पराली के दिखाए हालात
नासा के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान हरियाणा में पराली जलाने की बेहद कम घटनाएं दर्ज की गई हैं जो सफल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम का परिणाम है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में इस साल 25 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि पंजाब में इन घटनाओं में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हरियाणा में पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा द्वारा उठाए गए कदम -
- - पराली को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की योजना, एमएसपी निर्धारण के लिए कमेटी बनाई।
- - किसानाें को पराली प्रबंधन के लिए दिए जा रहे 1000 रुपये प्रति एकड़।
- - पराली की गांठ बनाने के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन।
- - किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरणों पर 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर पर 80 प्रतिशत अनुदान। पिछले तीन वर्षों में 584 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
- - करनाल और पानीपत के इथेनाल प्लांट में पराली की गांठें बनाकर ले जाने वाले किसानों को दो हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि।
- - गोशाला में पराली ले जाने पर 1500 रुपये।
- - रेड जोन में पराली न जलाने पर पंचायत को 10 लाख रुपये का पुरस्कार।
- - पराली प्रबंधन के लिए 216 करोड़ रुपये का प्रविधान।
- - सेटेलाइट से निगरानी, 1601 किसानों के चालान।
24 तरह के उद्योग खरीदेंगे पराली
हरियाणा में 24 तरह के उद्योगों ने पराली खरीदने की सहमति सरकार को दी है। इसके लिए हर जिले में कमांड एरिया खोला जाएगा और उन कमांड एरिया सेंटर के जरिये ही पराली खरीदी जाएगी। पोर्टल बनाया गया है जिस पर पराली खरीदने वाले ठेकेदारों और उद्योगों की जानकारी उपलब्ध रहेगी। जो किसान पराली बेचना चाहता है वह पोर्टल के माध्यम से सीधा संपर्क कर सकता है।
पिछले साल लगभग 1.75 लाख टन पराली की खरीद बायोगैस प्लांट के द्वारा की गई। इसी क्रम में हरेडा द्वारा भी बायोमास ऊर्जा प्लांट लगाने का फैसला किया गया है। बिजली बनाने में पराली का उपयोग करने के लिए कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद एवं जींद में 49 मेगावाट क्षमता की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। कुरुक्षेत्र और कैथल में इन परियोजनाओं पर काम प्रगति पर है।