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Haryana News: थानों और पुलिस चौकियों में लगेंगे CCTV कैमरे, कमेटी करेगी मॉनिटरिंग; लोगों के साथ नहीं हो सकेगी बदसलूकी

हरियाणा में अब प्रत्येक राज्य और जिला स्तर पर पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों की मॉनिटरिंग एक कमेटी करेगी जिसमें प्रशासनिक व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। ये फैसला इसलिए लिया गया कि थानों या चौकियों में पुलिस पर आरोपितों से बदसलूकी की गई है या नहीं। प्रत्येक जिले के सभी पुलिस स्टेशनों सीआईए कार्यालयों पुलिस चौकियों में सीसीटीवी सिस्टम स्थापित किए गए हैं।

By Rohit Kumar Edited By: Deepak Saxena Updated: Mon, 08 Jul 2024 03:36 PM (IST)
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थानों और पुलिस चौकियों में लगेंगे CCTV कैमरे (प्रतीकात्मक)।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य के थानों, पुलिस चौकियों में मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो, इसके लिए वहां (थाना, चौकियों) में लगे सीसीटीवी फुटेज की मॉनिटरिंग के लिए राज्य व जिला स्तर पर कमेटियां गठित की जा रही हैं। इन कमेटियों में प्रशासनिक व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

सीसीटीवी के आधार पर कमेटियां लेंगी निर्णय

थानों में आरोपितों की ओर से किसी केस में आरोपित अगर पुलिस के ऊपर आरोप लगता है कि उसके साथ मारपीट या धक्का की गई है तो यह सीसीटीवी फुटेज बताएगी कि आरोपित सच बोल रहा है या झूठ। कुछ मामले सामने आ रहे थे कि थानों में पुलिस की ओर से मानवधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, जिसके बाद कमेटियां बनाने का निर्णय लिया गया है।

यहां पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी

ध्यान रहे कि राज्य के प्रत्येक जिले के सभी पुलिस स्टेशनों, सीआईए कार्यालयों, पुलिस चौकियों में सीसीटीवी सिस्टम स्थापित किए गए हैं। सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं, पुलिस स्टेशन के पीछे के क्षेत्र में, पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार, हाल, शौचालय के बाहर और खुले पुलिस स्टेशन परिसर में, सभी लॉकअप, सभी हाल, लाबी, रिसेप्शन क्षेत्र, बरामदे और कमरों में जिनका प्रयोग पुलिस अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

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नाइट विजन से लेस होंगे सीसीटीवी

वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज प्रणाली नाइट विजन से सुसज्जित है और इसमें आडियो के साथ-साथ वीडियो फुटेज भी शामिल होगी। थानों में बिजली की विफलता के मामले में सीसीटीवी प्रणाली को बिजली की आपूर्ति के लिए व्यवस्था की जा रही है। केंद्रीय सर्वर में सीसीटीवी फुटेज की रिकार्डिंग के लिए प्रावधान किया गया है, जिसे जिला के साथ-साथ राज्य स्तर पर भी रखा जा सके।

डीवीआर, एनवीआर में डेटा केवल ऑफलाइन मोड में ही स्टोर किया जाएगा या इसके अलावा ऑनलाइन स्टोरेज की भी कोई व्यवस्था की जा रही है। रिकॉर्डिंग उपकरण कम से कम 18 महीने की रिकॉर्डिंग स्टोर करने में सक्षम है।

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