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मुलाकात हुुई लेकिन कोई बात न हुई, सियासी राह अलग होने के बाद एक जगह एकत्र हुआ चौटाला परिवार

इनेलो में टूट और सियासी रास्‍ते अलग होने के अरसे बाद चौटाला परिवार एक जगह एकत्र हुआ। ओमप्रकाश चौटाला अभय चौटाला अजय चौटाला और दुष्‍यंत चौटाला दिल्‍ली में ताऊ देवीलाल की समाधि पर पहुंचे। वे एक ही जगह थे लेकिन उनके बीच कोई बात नहीं हुई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 06 Apr 2022 05:30 PM (IST)
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नई दिल्‍ली में ताऊ देवीलाल की समाधि पर ओमप्रकाश चौटाला, अभय चौटाला और अजय चौटाला। (जागरण)
नई दिल्‍ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में राजनीतिक विवाद के चलते बिखरा ताऊ देवीलाल का परिवार बुधवार नई दिल्ली में एकत्र नजर आया। इनेलो में टूट के बाद सियासी राह अलग हाेने के बाद चौटाला परिवार के सदस्‍यों की अरसे बाद मुलाकात हुई, लेकिन उनके बीच कोई बात नहीं हुई। पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की 21वीं पुण्यतिथि पर राजघाट प्रांगण में बनी उनकी समाधि संघर्ष स्थल पर ये सभी पहुंंचे थे। 

ओमप्रकाश चौटाला, अजय और अभय व  दुष्यंत और करण श्रद्धांजलि देने संघर्ष स्थल पहुंचे

समाधि स्‍थल पर सुबह सबसे पहले हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपने पिता डाक्टर अजय सिंह चौटाला के साथ पहुंचे। दोनों ने एक साथ जननायक स्वर्गीय चौधरी देवीलाल को श्रद्धांजलि दी। दोनों समाधि स्थल के ठीक सामने बने पांडाल में कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठ गए। इसके 15 मिनट बाद इनेलो विधायक अभय चौटाला ने अकेले पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की और पांडाल में एक तरफ कुर्सी डलवाकर बैठ गए।

ताऊ देवीलाल के समाधि स्‍थल पर दुष्‍यंत चौटाला व अजय चौटाला (दोनोंं जमीन पर बैठे हुए ) और ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला (दोनों कुर्सियों पर बैठे हुए)। (जागरण)

इसके करीब दस मिनट बाद पूर्व मुख्यमंत्री व ताऊ देवीलाल के पुत्र ओमप्रकाश चौटाला अपने पौत्र करण चौटाला के साथ समाधि स्थल पहुंचे। करण अभय चौटाला के बड़े पुत्र हैं। पुष्पांजलि अर्पित करके समाधि की परिक्रमा करने के बाद ओमप्रकाश चौटाला अपने छोटे पुत्र अभय चौटाला के साथ कुर्सी पर बैठ गए। इस दौरान किसी सदस्य की आपस में न नजरें मिलीं और न ही बातचीत हुई। कार्यकर्ताओं ने सभी का अभिवादन किया।

चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत के रूप में ओमप्रकाश चौटाला को मिली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में अक्टूबर 2018 में टूट हो गई थी। ओमप्रकाश चौटाला के बड़े पुत्र डाक्टर अजय सिंह चौटाला ने अपने पुत्रों दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला के साथ जननायक जनता पार्टी (जजपा) का गठन किया था।

जजपा अपने 10 विधायकों के दम पर हरियाणा में भाजपा के साथ सरकार में साझेदार है। इनेलो के एकमात्र विधायक अभय चौटाला विपक्ष की भूमिका में हैं। टूट के इस दौर के बाद ताऊ का परिवार पहले एक बार अगस्त 2019 को सिरसा के तेजाखेड़ा फार्म हाउस पर एकत्र हुआ था। तब ओमप्रकाश चौटाला की पत्नी स्नेहलता का निधन हो गया था। ताऊ की समाधि पर यह परिवार पहली बार एक साथ दिखाई दिया। तब भी दोनों पक्षों की आपसी बातचीत नहीं हुई थी। हां, इसके बाद दाेनों पक्षों के बीच राजनीतिक दृष्टिकोण से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा।

समाधि स्थल पर कार्यकर्ता ताऊ देवीलाल अमर रहे के नारे लगाते रहे। एक बार अभय चौटाला के जिंदाबाद के नारे भी लगे मगर खुद अभय ने तुरंत कार्यकर्ताओं को ऐसे नारे लगाने से रोक दिया। पांडाल में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पार्टी पदाधिकारी भी पहुंचे हुए थे मगर कुछ चेहरों को छोड़कर अन्य के बारे में यह आभास नहीं हो रहा था कि कौन किस पार्टी से है।

इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी के नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एक दूसरे का अभिवादन कर पांडाल में बैठते जा रहे थे। समाधि स्थल के एक तरफ भजन-प्रवचन चल रहे थे। हिंदू, मुस्लिम,सिख धर्म के प्रवचन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने सभी कार्यकर्ताओं से चौधरी देवीलाल के प्रेरक प्रसंग सांझा किए। ओमप्रकाश चौटाला के लिए माइक की व्यवस्था करने में जननायक जनता पार्टी और इनेलो दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता लगे रहे।

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