हरियाणा के CM मनोहर लाल बोले- विज्ञान भी नहीं देता एक ही गोत्र में विवाह को स्वीकृति
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधानों से भी यह स्पष्ट हो चुका है कि सगोत्र विवाह नहीं करना चाहिए।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 11 Jan 2020 05:04 PM (IST)
जेएनएन, पंचकूला। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि सगोत्र विवाह पर रोक के मुद्दे पर खाप पंचायतों को बदनाम करने की कोशिश की गई है। वैज्ञानिक अनुसंधानों से भी यह स्पष्ट हो चुका है कि सगोत्र विवाह नहीं करना चाहिए। उसी तरह भाईचारा वाले गांवों में (आसपास के गांव) विवाह नहीं करना चाहिए।
मनोहर लाल ने कहा कि यह सामाजिक मान्यता है। हम इस पर चलेंगे तो भाईचारा बना रहेगा, खराब नहीं होगा। वह पंचकूला में हरियाणा पुलिस द्वारा पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो व इंडियन पुलिस फाउंडेशन इंस्टीट्यूट (आईपीएफआई) के सहयोग से 'महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा' विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।उन्होंने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात में महिलाओं एवं युवतियों को बहन और पुरुषों को भाई बोला जाता है। इस प्रकार का वातावरण यदि बनाए रखेंगे तो किसी के मन कुविचार नहीं आएंगे और अपराध नहीं होंगे।
सगोत्र विवाह से बीमारियों की आशंका अधिकएक ही गोत्र में विवाह को सगोत्र विवाह माना गया है। सगोत्र विवाह का निषेध चिकित्सा विज्ञान की सेपरेशन ऑफ जींस की मान्यता पर आधारित है। कई वैज्ञानिक अनुसंधानों के बाद यह निष्कर्ष आया है कि यदि निकट के रक्त संबंधियों में विवाह होता है तो उनके जींस (गुणसूत्र) समान होने की संभावना रहती है। माता-पिता के समान जींस होने से संतान को कई गंभीर बीमारियों जैसे हीमोफीलिया, रंग-अंधत्व आदि के होने की आशंका बढ़ जाती है।
इससे पूर्व महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा विषय पर आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों में हरियाणा पुलिस में महिलाओं की संख्या 15 फीसद तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार के इस कदम से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस बल में महिलाओं की संख्या पिछले पांच वर्षों में छह से 10 फीसद हो गई है। अब इसे 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
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