Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई-नई बिल्डिंगों में पढ़ेंगे बच्चे, हरियाणा विधानसभा में गूंजा जर्जर स्कूल भवनों का मुद्दा; सरकार ने क्या दिया जवाब?

    विधानसभा सत्र में कितने सुरक्षित स्कूल अभियान की गूंज सुनाई दी। विपक्ष ने हरियाणा के जर्जर स्कूलों पर चिंता जताई जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और नई इमारतें बनाने की बात कही। कांग्रेस विधायक ने भूकंप का हवाला देते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की। शिक्षा मंत्री ने जर्जर इमारतों में कक्षाएं न लगाने के निर्देश दिए।

    By satyendra singh Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 25 Aug 2025 06:53 PM (IST)
    Hero Image
    जर्जर स्कूल भवनों का मुद्दा सदन में गूंजा, सरकार ने कहा बनाई जाएंगी नई इमारतें। सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दैनिक जागरण की मुहिम कितने सुरक्षित स्कूल की गूंज विधानसभा सत्र के दौरान सदन के अंदर सुनाई थी। विपक्ष की ओर से सवाल किया गया कि समाचार पत्र ने आगाह किया है कि राजस्थान के झालावाड़ के स्कूल की तरह ही हरियाणा के कई जिलों में ऐसे स्कूल हैं, जिनकी इमारत जर्जर हो चुकी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर इन इमारतों के नीचे कक्षाएं लगी तो यहां भी बड़ी घटना हो सकती है। प्रदेश के शिक्षा महिपाल ढांडा ने स्पष्ट किया कि सभी शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी गई हैं। जर्जर स्कूलों की नई इमारत बनेंगी।

    झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने सदन को बताया कि दो माह में भूंकप आया तो केंद्र बिंदु झज्जर ही रहा है। इसके बाद भी सरकार जाग नहीं रही है। गांव बघाड़ी, धनियावास सहित गई गांव के स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। उनकी ओर से कई बार मांग की गई, लेकिन नई इमारत बनाने के लिए काम नहीं हुआ।

    अब भी नहीं चेते तो झालावाड़ की तरह स्कूल की इमारत गिरेगी और बच्चे मरेंगे। गीता भुक्कल की इस बात पर कई विधायकों ने कहा कि उनके जिलों में भी कई स्कूलों की इमारतें ठीक हालत में नही हैं। भूकंप के झटके तेज आए तो बड़ी अनहोनी हो सकती है।

    शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि कुछ स्कूलों में बच्चे तय संख्या में मुताबिक नहीं हैं। उनकी इमारत तो नहीं बनेगी पर जहां पर बच्चे ठीक संख्या में हैं, उन स्कूलों की नई इमारत बनाने का प्रपोजल भेज दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जर्जर इमारतों के अंदर बच्चे नहीं बैठाए जाएं।