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कांग्रेस सरकार में चार पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों पर गिरेगी गाज, पुलिस दाखिल करेगी चार्जशीट; नहीं दे रहे थे जांच में सहयोग

हरियाणा (Haryana News) में भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) या विचाराधीन परियोजना की मंजूरी दिलाने को लेकर कांग्रेस के जिन चार पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों पर मामला दर्ज किया गया था उनके खिलाफ पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी। आरोप है जांच में सहयोग नहीं दे रहे थे। बता दें कि स्टिंग ऑपरेशन के बाद से इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 02 Aug 2024 04:53 PM (IST)
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सीएलयू मामले को लेकर हरियाणा पुलिस दाखिल करेगी चार्जशीट (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस उन पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए तैयार है जिन पर भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) या विचाराधीन परियोजना की मंजूरी दिलाने के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में स्टिंग ऑपरेशन के बाद मामला दर्ज किया गया था।

इन नेताओं में बरवाला के पूर्व कांग्रेस विधायक रामनिवास घोड़ेला, रतिया के पूर्व कांग्रेस विधायक जरनैल सिंह, जो मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) भी रह चुके हैं, उकलाना के पूर्व कांग्रेस विधायक नरेश सेलवाल और नारनौल के पूर्व कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री राव नरेंद्र शामिल हैं।

यह जानकारी हरियाणा के आईजीपी (क्राइम) अशोक कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को पूर्व और मौजूदा सांसदों व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान से संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दी।

हाईकोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान

बता दें कि माननीयों के खिलाफ आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान के लिए हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। आईजीपी ने अपने विस्तृत हलफनामे में हाईकोर्ट को बताया कि “उनके खिलाफ मामलों में ड्राफ्ट चार्जशीट तैयार की जा रही है और सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही ट्रायल कोर्ट में पेश की जाएगी।”

आरोपितों के वॉयस सैंपल लेने के अलावा इन पूर्व विधायकों के खिलाफ जांच पहले ही पूरी हो चुकी है। अक्टूबर में हाईकोर्ट ने वॉयस सैंपल रिपोर्ट के बिना ही राज्य पुलिस को उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दे दी थी।

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रामकिशन किशन फौजी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

इसी तरह के विवाद में एक अन्य आरोपित पूर्व सीपीएस और बवानीखेड़ा से पूर्व कांग्रेस विधायक रामकिशन किशन फौजी के बारे में हाईकोर्ट को बताया गया कि उनके खिलाफ जांच की स्थिति सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी गई है और इस मामले की सुनवाई 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होगी।

इन सभी नेताओं के खिलाफ एफआईआर लोकायुक्त हरियाणा के निर्देश के बाद दर्ज की गई थी, जहां एक स्टिंग ऑपरेशन जारी होने के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें ये सभी नेता सीएलयू की अनुमति के बदले पैसे मांगते पाए गए थे।

2014 में रामकिशन के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला

लोकायुक्त के निर्देशों के बाद 14 दिसंबर 2014 को रामकिशन फौजी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। शुरुआत में हाईकोर्ट ने एफआईआर को खारिज कर दिया था, जिसके बाद राज्य ने विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के जरिये सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने तीन जुलाई 2018 को अपने आदेश में आगे की जांच की अनुमति देते हुए ब्यूरो को निर्देश दिया कि आगे कोई भी कार्रवाई करने से पहले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जांच की रिपोर्ट पेश की जाए।

स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर दर्ज हुआ था मामला

इसी तरह, 29 जनवरी 2016 को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार में रामनिवास घोड़ेला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। 29 जनवरी 2016 को स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर जरनैल सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

उकलाना के पूर्व विधायक नरेश सेलवाल पर 29 जनवरी 2016 को हिसार में मामला दर्ज किया गया था। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह पर भी सीएलयू देने के एवज में स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर 29 जनवरी 2016 को मामला दर्ज किया गया था।

दिलचस्प बात यह है कि इसी घोटाले में एक और नेता और हांसी के विधायक विनोद भयाना पर भी मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, भयाना के सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा में शामिल होने के बाद पुलिस ने उन्हें बरी कर दिया था। वह वर्तमान में हांसी विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं।

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