'अगले साल उतर जाएगा बिजली निगमों के 27 हजार करोड़ का कर्ज', विधानसभा में सीएम मनोहर लाल ने कांग्रेस पर बोला हमला
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता अपने समय का कर्ज 70 हजार करोड़ रुपये बताते हैं जबकि उन्हें बिजली निगमों का 27 हजार करोड़ रुपये का कर्ज भी जोड़ना चाहिए। पिछली सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के कर्ज में से भी 17 हजार करोड़ रुपये कम किया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला ऋण जीएसडीपी (कुल सकल घरेलू उत्पाद) के अनुपात यानि तीन प्रतिशत की सीमा के अंदर ही है। विकास के अनुरूप जैसे-जैसे प्रदेश की जीएसडीपी बढ़ती है, उसी के अनुपात में ऋण लेने की सीमा में भी वृद्धि होती है। जीएसडीपी के अनुपात में जितना ऋण लेना चाहिए, राज्य सरकार उस सीमा में ही ऋण ले रही है।
कांग्रेस अपने कर्ज में नहीं जोड़ती बिजली निगमों का कर्ज
विधानसभा में सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता अपने समय का कर्ज 70 हजार करोड़ रुपये बताते हैं, जबकि उन्हें बिजली निगमों का 27 हजार करोड़ रुपये का कर्ज भी जोड़ना चाहिए। उनके इस 27 हजार करोड़ रुपये को हमने सरकार के खाते में लिया। हमें इस कर्ज को पांच साल में उतारना था। अगले साल तक यह उतर जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता यदि इस 27 हजार करोड़ रुपये की राशि को अपने कर्ज की राशि में नहीं जोड़ते हैं तो हमें भी इस राशि को कम करके कर्ज बताना पड़ेगा। इसके अलावा पिछली सरकार का सार्वजनिक उपक्रमों के कर्ज में से भी 17 हजार करोड़ रुपये कम किया है।
GSDP की सीमा पर ऋण ले रही राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त आयोग के अनुसार जीएसडीपी के तीन प्रतिशत तक के अनुपात में सरकार द्वारा ऋण लिया जा सकता है। कोविड-19 के दौरान इस सीमा को बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत किया गया। उस समय भी राज्य सरकार तीन प्रतिशत से नीचे ही रही। जीएसडीपी के अनुपात में जितना ऋण लेना चाहिए, राज्य सरकार उस सीमा में ही ऋण ले रही है।