Haryana News: मनोहर लाल का भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला, सरकार के इस फैसले से अब कई भ्रष्टाचारी खाएंगे जेल की हवा
हरियाणा (Haryana News) में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच में अब तेजी आने के आसार हैं। प्रदेश सरकार ने कई अलग विभागों व बोर्ड-निगमों में अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार ( Corruption) के मामलों की जांच के लिए चीफ विजिलेंस ऑफिसर तैनात करने के फैसले पर हरी झंडी दिखा दी है। चीफ विजिलेंस ऑफिसर को हर तीन महीने में मुख्य सचिव को अपनी विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी।
By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Thu, 16 Nov 2023 12:28 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़।(Haryana News) हरियाणा में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच में अब तेजी आने की पूरी संभावना बन गई है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार ( Corruption in Haryana) के मामलों की जांच के लिए चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) तैनात कर दिए हैं। पहले चरण में 15 चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त करने थे, लेकिन सरकार ने फिलहाल 11 की मंजूरी दी है।
इन चीफ विजिलेंस अधिकारियों में से तीन ऐसे हैं, जो सेवारत हैं और आठ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें कामकाज के बंटवारे के लिहाज से विभागों का अलाटमेंट किया जाएगा। चीफ विजिलेंस ऑफिसर्स (Chief Vigilance Officers) को सभी प्रकार की सुविधाएं और स्टाफ मुहैया करवाया जाएगा।
सीएम भ्रष्टाचार के मामलों को रोकने को लेकर काफी गंभीर
इनके अधिकार क्षेत्र भी व्यापक रहेंगे। जांच के दौरान संबंधित विभाग और बोर्ड-निगम से हर प्रकार का सहयोग चीफ विजिलेंस ऑफिसर को मिलेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल(CM Manohar lal) भ्रष्टाचार के मामलों को रोकने को लेकर काफी गंभीर हैं। उनके निर्देशों पर ही चीफ विजिलेंस ऑफिसर तैनात करने का निर्णय लिया गया है।यह भी पढ़ें: Panchkula News: 'हर किसी को सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं' पढ़िए रोजगार को लेकर क्या बोले CM मनोहर लाल
ये सभी सीवीओ विजिलेंस डिपार्टमेंट के चीफ होने के नाते मुख्य सचिव संजीव कौशल को अपनी रिपोर्ट करेंगे। मुख्य सचिव कार्यालय में डीए (जिला न्यायवादी) दीपक बूरा, सिंचाई विभाग में एसई (सुपरिटेंडिंग इंजीनियर) दिनेश राठी तथा कृष्ण कुमार को चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त किया गया है। यह तीनों ही सेवारत अधिकारी हैं।
बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों पर होगी नजर
इसी तरह से सेवानिवृत्त अधिकारियों में महावीर सिंह, राजेंद्र कुमार मलिक, शशिकांत शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, रामेश्वर मेहरा, संजीव कुमार जैन, सतीश कुमार जैन व जरनैल सिंह भोपरिया को भी सरकार ने चीफ विजिलेंस ऑफिसर नियुक्त किया है।
पांच प्रतिशत अधिकारियों की संपत्ति की जांच अनिवार्य चीफ विजिलेंस ऑफिसर उन पदों को भी चिह्नित करेंगे, जिन्हें सामान्य भाषा में मलाईदार माना जाता है। यानी संवेदनशील पदों पर अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती पर नज़र रहेगी। ऐसे पदों पर रोटेशन के आधार पर नियुक्तियां हों, ऐसे भी प्रबंध किए जाएंगे।सीवीओ की जिस विभाग व बोर्ड-निगम में ड्यूटी लगेगी, उसके अधिकारियों व कर्मचारियों की सालाना प्रापर्टी रिटर्न भी जमा करवाना सुनिश्चित की जाएगी। इन विभागों के कम से कम पांच प्रतिशत अधिकारियों व कर्मचारियों की संपत्ति की हर साल जांच करनी अनिवार्य होगी। साथ ही कैग की रिपोर्ट पर भी यह अधिकारी काम करेंगे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।