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बंटवारे में दिखी मनोहर की सूझबूझ, नहीं होने दी कलह

हरियाणा कैबिनेट के मंत्रियों में विभागों में बंटवारा करते हुए स्थिति ऐसी थी कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे। जाने कैसे किया मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इसका समाधान ?

By Test1 Test1Edited By: Updated: Sun, 24 Jul 2016 06:24 PM (IST)
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चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा कैबिनेट के मंत्रियों में विभागों में बंटवारा करते हुए बड़ी सूझबूझ से काम लिया गया है। एक दर्जन विभागों का कामकाज देख रहे वित्त एवं राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का बोझ जहां कम किया गया है, वहीं शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ की इच्छा के विपरीत कोई फैसला नहीं लिया गया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने टीम से काम लेने की नीति पर चलते हुए उनके विभाग तो बहुत ज्यादा नहीं छोड़े, लेकिन खुद आगे होकर अपने विभाग ही उन्हें बांट दिए। उनकी इस पहल से संभावित असंतोष भड़कने से पहले ही टल गया है।

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भाजपा हाईकमान के निर्देश पर सभी मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हुआ है। इसके पीछे एक सोच यह भी रही कि किसी महकमे में कोई मंत्री अधिक दिन टिककर अपनी मोनोपली न जमा सके, लेकिन हैवीवेट मंत्रियों के मामले में यह थ्योरी काम नहीं आई।

ज्यादातर विभाग लो-प्रोफाइल में काम कर रहे मंत्रियों के बदले गए हैं। भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच शुक्रवार देर रात तक सीएम निवास पर चली बैठक में मंत्रियों के नए विभागों को अंतिम रूप दिया गया।

भाजपा सरकार को अभी दो साल भी पूरे नहीं हुए हैं। हाईकमान के निर्देश पर इस बात का खास ख्याल रखा गया कि किसी भी तरह के असंतोष को भड़कने न दिया जाए। लिहाजा हैवीवेट मंत्रियों को नाराज करने का रिस्क अधिक नहीं उठाया गया।

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जैसी कि चर्चाएं थी, यदि हैवीवेट मंत्रियों से उनके अहम विभाग वापस ले लिए जाते तो विपक्ष को हमला करने का मौका मिलता और मंत्री अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते।

भाजपा सरकार ने जिन हैवीवेट मंत्रियों से कुछ महकमे वापस लिए भी हैं, उनके बदले उन्हें नए विभाग सौंपे गए हैं, जबकि खास विभागों को हाथ नहीं लगाया गया। कैप्टन अभिमन्यु इसमें अपवाद हैं। इसके राजनीतिक कारण भी माने जा सकते हैं, लेकिन कैप्टन ने भी बड़े महकमों पर कैंची नहीं चलने देकर साबित कर दिया कि हाईकमान में उन्हें अपने आका का पूरा समर्थन हासिल है।

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यह होगी नई मनोहर कैबिनेट

मुख्यमंत्री मनोहर लाल - (10 विभाग)

1. गृह विभाग

2. बिजली

3. टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एंड एस्टेट्स

4. सिंचाई एवं जल संसाधन

5. सामान्य प्रशासन

6. न्यायिक प्रशासन

7. इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फारमेशन टेक्नालाजी

8. कार्मिक एवं प्रशिक्षण

9. राजभवन मामले

10. अक्षय ऊर्जा

(वह सभी विभाग जो किसी मंत्री को अलॉट नहीं हुए)

प्रो. रामबिलास शर्मा - (सात विभाग)

1. शिक्षा विभाग

2. तकनीकी शिक्षा

3. पर्यटन

4. इलेक्शन

5. संसदीय कार्य

6. पुरातत्व एवं संग्रहालय

7. सत्कार

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कैप्टन अभिमन्यु - (आठ विभाग)

1. वित्त विभाग

2. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन

3. आबकारी एवं कराधान

4. योजना

5. कानून एवं विधायी कार्य

6. इंस्टीट्यूशनल फाइनेंस एंड क्रेडिट कंट्रोल

7. चकबंदी

8. पुनर्वास

ओमप्रकाश धनखड़ - (पांच विभाग)

1. कृषि एवं किसान कल्याण

2. विकास एवं पंचायत

3. खनन एवं भू-गर्भ

4. पशुपालन एवं डेयरी

5. मत्स्य पालन

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अनिल विज - (छह विभाग)

1. स्वास्थ्य विभाग

2. चिकित्सा शिक्षा

3. आयुष

4. साइंस एंड टेक्नोलॉजी

5. खेल एवं युवा कार्यक्रम

6. आर्काइव (अभिलेखागार)

(साइंस एंड टेक्नालाजी डिपार्टमेंट में प्रधान सचिव अशोक खेमका हैं। खेमका हमेशा से ही विज की पसंद रहे हैं)

राव नरबीर - (चार विभाग)

1. लोक निर्माण विभाग

2. वन

3. वास्तुकार

4. नागरिक उड्डयन

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कविता जैन - (चार विभाग)

1. शहरी स्थानीय निकाय विभाग

2. महिला एवं बाल विकास

3. सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग

4. आर्ट एंड कल्चर अफेयर

कृष्ण लाल पंवार - (तीन विभाग)

1. परिवहन विभाग

2. हाउसिंग

3. जेल

विपुल गोयल - (तीन विभाग)

1. उद्योग एवं वाणिज्य विभाग

2. पर्यावरण

3. इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग (आइटीआइ)

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राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर - (तीन विभाग)

1. सहकारिता - स्वतंत्र प्रभार

2. प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी - स्वतंत्र प्रभार

3. शहरी स्थानीय निकाय विभाग - शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के साथ अटैच

राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी - (दो विभाग)

1. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग - स्वतंत्र प्रभार

2. अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग - स्वतंत्र प्रभार

राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज - (दो विभाग)

1. खाद्य एवं आपूर्ति - स्वतंत्र प्रभार

2. वन विभाग - वन मंत्री राव नरबीर के साथ अटैच

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राज्य मंत्री डा. बनवारी लाल - (दो विभाग)

1. जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी - स्वतंत्र प्रभार

2. अक्षय ऊर्जा - मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ अटैच

राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी - (दो विभाग)

1. श्रम एवं रोजगार - स्वतंत्र प्रभार

2. खनन एवं भू-गर्भ - खनन मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के साथ अटैच

सीपीएस के विभाग वही, पर मंत्री बदले

मुख्य संसदीय सचिवों के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सीपीएस श्याम सिंह राणा के पास जेल, राजस्व एवं चकबंदी एवं पुनर्वास विभाग, बख्शीश सिंह विर्क के पास विकास एवं पंचायत, सीमा त्रिखा के पास पर्यटन एवं सत्कार तथा डा. कमल गुप्ता के पास स्वास्थ्य विभाग बने रहेंगे। अब इन विभागों के जो भी नए मंत्री होंगे, वह उनके साथ अटैच कर दिए गए हैं।

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