Budget 2024: पिछले दो सालों से विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर काम कर रहे सीएम मनोहर लाल, भारत को बनाना है विकसित राष्ट्र
हरियाणा सरकार मानती है कि प्रदेश में औद्योगिक-अनुकूल राज्य बनने की अपार संभावनाएं हैं और राज्य आज आर्थिक विकास व समृद्धि की दृष्टि से कई अन्य राज्यों के मुकाबले आगे बढ़ रहा है। हरियाणा ने वर्ष 2047 के लिए एक परिवर्तनकारी विजन की कल्पना की है जिसमें महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय लक्ष्यों की प्राप्ति होगी।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट में भारत को साल 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का जो सपना बुना है, उसे पूरा करने में हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पूरे जी-जान से जुटी हुई है। हरियाणा के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के विजन दस्तावेज 2030 की सफलता से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश सरकार ने अब हरियाणा का विजन डॉक्यूमेंट 2047 बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। यह प्रक्रिया हाल फिलहाल शुरू नहीं हुई, बल्कि पिछले करीब दो साल से इस पर बड़ी तेजी के साथ काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद मुख्य सचिव न केवल लगातार प्रशासनिक सचिवों की बैठकें ले रहे हैं, बल्कि प्राप्त लक्ष्यों और उसमें आने वाली बाधाओं पर लगातार मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सीधे फीडबैक दिया जा रहा है, ताकि लक्ष्य तक पहुंचने की राह में किसी तरह की चुनौती बाकी न रहे।
विजन 2030 के धरातल पर लागू होने की बड़ी सफलता
हरियाणा सरकार के विजन 2030 में कौशल विकास मिशन शुरू करने के साथ ही युवाओं को स्वरोजगार व तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित करने का एजेंडा प्रमुख था, जिस पर प्रदेश सरकार ने बखूबी काम किया है। पलवल में खोले गए हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण के प्रमाण-पत्रों से लेकर डॉक्टरेट तक कौशल शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जो कि विजन 2030 के धरातल पर लागू होने की बड़ी सफलता है। गरीबी के पैमाने और अनुमान को राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों ने अंतिम रूप दिया।गरीबों को समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही सरकार
हरियाणा ने अपने राज्य में इसे परिवार पहचान पत्र के रूप में लागू किया, जिसका मतलब साफ है कि सरकार गरीब लोगों की गरीबी दूर करते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाए तथा उनके माथे से गरीबी का लेबल हटने के बाद ऐसे लोगों को गरीब नहीं मानकर सूची से अलग कर दिया जाए। परिवार पहचान पत्र तथा आधार पर आधारित प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण डाटाबेस ने इसमें काफी मदद की है।
अब सबका साथ-सबका विकास सबका विश्वास पर केंद्रित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 2047 के भारत की परिकल्पना करते हैं और चाहते हैं कि इस अवधि तक भारत विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आए। इस कार्य के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट में कई प्रावधान किए हैं। खास बात यह है कि केंद्र सरकार का बजट सबका साथ-सबका विकास के बाद अब सबका साथ-सबका विकास सबका विश्वास पर केंद्रित है।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साल 2014 में सत्ता संभालते ही इस नारे को दिया था, जो अब केंद्रीय बजट का बड़ा आधार बन चुका है। हरियाणा सरकार के साल 2023-24 के बजट का आधार भी इसी भावना पर केंद्रित रहा है, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि जो प्राप्त न हो उसे प्राप्त करना है, जो प्राप्त हो गया है, उसे संरक्षित करना है, जो संरक्षित हो गया, उसे समानता के आधार पर बांटना है। इस काम में राज्य में चल रही विकसित भारत यात्रा काफी मददगार साबित हो रही है।
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