सीएम मनोहर लाल नई रणनीति से लोकसभा चुनाव में दिखाएंगे '10 का दम', प्रमुख नेताओं को सौंपी बड़ी जिम्मेदारियां
हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों पर दमखम दिखाने के लिए सीएम मनोहर लाल पूरी तरह से जुट गए हैं। नए साल में वो काफी सक्रिय दिखाई देंगे। घर बैठे पार्टी के प्रमुख नेताओं को फील्ड में निकलने के निर्देश मिले है। इसके साथ ही मनोहर लाल ने उन नेताओं को भी जिम्मेदारियां दी हैं जिन्हें पिछले कार्यकाल में जिम्मेदारियां नहीं दी गई थीं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने के टास्क को पूरा करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल नये साल में काफी सक्रिय दिखाई देंगे। अपने जनसंवाद कार्यक्रमों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के साथ जोड़ चुके मुख्यमंत्री अपनी टीम के सदस्यों के साथ प्रत्येक लोकसभा सीट पर चर्चा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय के आधा दर्जन अधिकारियों की ड्यूटी राज्य की 10 लोकसभा सीटों पर लगा रखी है, जो हर सप्ताह धरातल की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देते हैं।
इस कड़ी में अब प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए जल्द ही लोकसभा चुनाव प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। राज्य का चुनाव प्रभारी अलग से नियुक्त होगा, जिनका काम मुख्यमंत्री के साथ मिलकर सिर्फ यह रणनीति बनाने पर होगा कि सभी 10 सीटों पर कमल का फूल कैसे खिलाया जाए। नये साल में भाजपा ने अपनी पार्टी के पुराने, निष्क्रिय तथा घर बैठे कार्यकर्ताओं को भी गले लगाने की कार्ययोजना तैयार की है।
10 सीटों पर कमल खिलानें मे जुटे सीएम मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पार्टी के प्रभारी बिप्लब कुमार देब नये प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को ऐसे नेताओं के घर भेज रहे हैं, जो अभी तक फील्ड में नहीं निकले हैं। यह लोग वे हैं, जिन्हें पार्टी किन्हीं कारणों से साल 2019 में टिकट नहीं दे पाई थी या जिनके टिकट काट दिए गए थे। राज्य भर में करीब दो दर्जन ऐसे नेताओं को फिर से फील्ड में सक्रियता बढ़ाकर चुनाव मैदान में डट जाने का इशारा कर दिया गया है। कुछ नेताओं के घर स्वयं प्रभारी जा रहे हैं तो कुछ के पास मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष नायब सैनी पहुंच रहे हैं।
पिछले कार्यकाल में अनदेखी वाले नेताओं को मिलेगी जिम्मेदारी
हरियाणा भाजपा का नया संगठन भी लगभग बनकर तैयार बताया जा रहा है। नये संगठन में भी ऐसे पार्टी नेताओं को महत्व दिया जा सकता है, जिनकी पिछले कार्यकाल में अनदेखी हुई है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को चिन्हित करने के बाद उन्हें संगठन में नई जिम्मेदारी देने से अलग रखा गया है। संगठन में उन्हीं नेताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है, जो कि चुनाव नहीं लड़ेंगे और पूरी तरह से समर्पित होकर पार्टी के संगठनात्मक गतिविधियों को आगे बढ़ाएंगे।
जिन लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के पास टिकट के एक या दो से अधिक दावेदार हैं, उन्हें भी चिन्हित करते हुए संगठन में जगह देने पर विचार किया जा रहा है। भाजपा के नये संगठन की घोषणा जनवरी माह के पहले सप्ताह में संभव है। विभिन्न मोर्चों एवं प्रकोष्ठों के अलावा पार्टी के मीडिया विभाग में भी बड़े बदलाव की तैयारी है।
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सीएम मनोहर लाल के हाथ में चुनाव की कमान
फिलहाल लोकसभा स्तर पर नियुक्त किए जाने वाले चुनाव प्रभारियों के नामों पर मंथन चल रहा है। सभी चुनाव प्रभारी ऐसे नियुक्त किए जाएंगे, जिनका मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पार्टी प्रभारी नायब सिंह सैनी के साथ बढ़िया तालमेल हो। इस पूरे चुनाव की कमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हाथों में ही रहने वाली है। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि के साथ-साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ईमानदार सीएम की छवि भी काफी काम आने वाली है। भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री ने विधानसभा में श्रीमद्भागवत गीता पर हाथ रखकर कसम तक खाई थी। इससे लोगों में उनके प्रति विश्वास अधिक गहराया है।
फील्ड से हटाएंगे जाएंगे सहयोग नहीं करने वाले अधिकारी
राज्य में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव संभव है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे अधिकारियों को फील्ड से हटाया जाएगा, जो भाजपा सांसदों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हैं। उनके काम नहीं करते अथवा उनके फोन नहीं उठाते।
मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर ऐसे अधिकारियों की सूची बनाई जा चुकी है। लोकसभा चुनाव प्रभारियों की नियुक्तियों के साथ ही राज्य की ब्यूरोक्रेसी में भी बड़ा बदलाव तय माना जा रहा है। नये तैनात होने वाले अधिकारियों का सहयोग मुख्यमंत्री की पूरी टीम को रहेगा, जिससे लोगों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।