Move to Jagran APP

CM मनोहर लाल की भगवंत मान को दोटूक: SYL पर भ्रमित कर रहा पंजाब, नहर निर्माण और पानी की उपलब्धता अलग-अलग मुद्दे

Haryana CM Manohar Lal On SYL हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि रावी सतलुज और ब्यास के पानी का अधिशेष बिना चैनल वाला पानी पाकिस्तान में चला जाता है। पिछले 10 वर्षों में सतलुज के पानी का औसतन 1.68 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) और रावी-ब्यास के पानी का 0.58 एमएएफ पाकिस्तान की तरफ गया है। इसे रोकने के लिए एसवाईएल जरूरी है।

By Sudhir TanwarEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 26 Sep 2023 08:28 PM (IST)
Hero Image
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (फाइल फोटो)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। CM Manohar Lal On SYL Canal Issue केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंगलवार को अमृतसर में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL Canal) नहर का निर्माण और पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कालेजों को संबद्धता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एसवाईएल निर्माण नहीं कर रहे पंजाब का तर्क है कि पानी की उपलब्धता कम हो गई है। लेकिन एसवाईएल का निर्माण और पानी की उपलब्धता दो अलग-अलग मुद्दे हैं और एक-दसूरे से जुड़े हुए नहीं हैं। इसलिए इस मामले में भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि रावी, सतलुज और ब्यास के पानी का अधिशेष, बिना चैनल वाला पानी पाकिस्तान में चला जाता है। पिछले 10 वर्षों में सतलुज के पानी का औसतन 1.68 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) और रावी-ब्यास के पानी का 0.58 एमएएफ पाकिस्तान की तरफ गया है। इसे रोकने के लिए एसवाईएल जरूरी है। वैसे भी भाखड़ा बांध और नंगल बांध से हरियाणा के लिए केवल एक कैरियर चैनल यानी 61 किलोमीटर लंबी नंगल हाइडल चैनल है।

एसवाईएल नहर क्यों जरूरी? CM मनोहर लाल ने बताया

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इसका निर्माण 1954 में किया गया था जो वर्तमान में 68 वर्ष पुराना हो गया है। यदि कोई दुर्घटना होती है तो पूरी प्रणाली रुक जाएगी और हरियाणा को पानी की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। ऐसे समय में एसवाईएल वैकल्पिक चैनल का काम भी करेगी। इसलिए एसवाईएल का निर्माण जल्द किया जाए। पानी की उपलब्धता न होने की बात करके इसे रोकना उचित नहीं है।

ये भी पढ़ें- Agniveer Bharti 2023: हरियाणा में एक नवंबर से शुरू होगी अग्निवीर भर्ती, इन जिलों के युवाओं के लिए सुनहरा मौका

पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कालेजों को संबद्धता का मुद्दा उठाया

मनोहर लाल ने कहा कि छात्र हित में हरियाणा के पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर तथा पंजाब के मोहाली और रोपड़ जिलों के कालेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्धता दी जानी चाहिए। अपना दावे के समर्थन में उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय में हरियाणा का हिस्सा पंजाब पुनर्गठन अधिनियम-1966 के तहत प्रदान किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एक नवंबर 1973 को एक अधिसूचना जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया था। इससे पहले हरियाणा के तत्कालीन अंबाला जिले के कालेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध थे।

'...अन्य राज्यों के छात्रों को भी नए अवसर मिलेंगे'

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शुरू होने के बाद सब विश्वविद्यालय सर्वत्र शिक्षा प्रदान करने के लिए मुक्त हैं। फिर पंजाब विश्वविद्यालय को भौगोलिक सीमाओं में बांधकर क्यों रखा जाए। विश्वविद्यालय से जितने अधिक कालेज संबद्ध होंगे, इसकी उतनी ही अधिक ख्याति होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय हरियाणा में अपना परिसर बना रहा है। इसके अलावा राज्य में आइआइटी दिल्ली का कैंपस भी बन रहा है। शिक्षा के विस्तार और कालेजों की संबद्धता से हरियाणा के साथ-साथ अन्य राज्यों के छात्रों को भी नए अवसर मिलेंगे।

बैठक में उठा BBMB का मुद्दा, हथनीकुंड में बांध पर विचार करें सभी राज्य

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमें धूलकोट बीबीएमबी सब-स्टेशन की स्थिति को भी ध्यान में रखना होगा। इस बिजलीघर का कुशल कामकाज न केवल बिजली उत्पादन के लिए, बल्कि जल संसाधनों के उचित प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है। भाखड़ा मेन लाइन के तटों को ऊंचा करने पर चर्चा आवश्यक है क्योंकि इसका सीधा प्रभाव जल प्रवाह और संसाधन आवंटन पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि लघु-पन बिजली परियोजनाओं पर विचार करते समय सभी राज्यों को हथनीकुंड पर एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में बांध के प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Delhi To Jhajjar Bus: दिल्ली से झज्जर तक ई-बसें चलाने की तैयारी, महिलाओं को मिल सकती है फ्री यात्रा की सौगात

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।