Haryana Election: करनाल या लाडवा से चुनाव लड़ने को लेकर CM सैनी ने नहीं खोले पत्ते, BJP हाईकमान पर छोड़ा फैसला
हरियाणा में तीसरी बार सत्ता पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरे दमखम से लगी है। विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम भी लगभग तय किए जा चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी कहां से चुनाव लड़ेंगे भाजपा ने इसके लिए पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने कहा था कि सीएम सैनी लाडवा सीट से मैदान में उतर सकते हैं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने करनाल या लाडवा सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री नायब सैनी कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
करनाल दौरे पर सीएम सैनी ने कही थी ये बात
मुख्यमंत्री ने अपने करनाल दौरे के दौरान स्पष्ट किया था कि वे करनाल के विधायक हैं और करनाल से भी वही चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के दावों के बीच राजनीतिक गलियारों में यह संदेश गया कि नायब सैनी लाडवा और करनाल दोनों विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने वाले हैं, लेकिन शनिवार को उन्होंने असमंजस पैदा करते हुए फैसला भाजपा हाईकमान पर छोड़ दिया है।
'कहां से चुनाव लड़वाना है, यह फैसला भाजपा हाईकमान करेगा'
भाजपा के 10 साल के कार्यकाल के हिसाब के साथ मीडिया के सामने आए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि टिकट की घोषणा से लेकर चुनाव लड़वाने तक सारे फैसले भाजपा हाईकमान लेता है। इसलिए उन्हें कहां से चुनाव लड़वाना है, यह फैसला भी भाजपा हाईकमान ही करेगा।बता दें कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए तीन विधानसभा सीटें लाडवा, करनाल और नारायणगढ़ छोड़ी गई थी।
विरोधाभास के बाद सीएम का था आया बयान
मुख्यमंत्री सैनी नारायणगढ़ से विधायक रह चुके हैं तथा फिलहाल करनाल से विधायक हैं। लाडवा सीट सैनी बाहुल्य है। हरियाणा भाजपा अध्यक्ष ने जब बयान दिया कि नायब सैनी लाडवा से चुनाव लड़ेंगे तो इससे करनाल के कार्यकर्ताओं व लोगों में संदेश अच्छा नहीं गया।करनाल में रोड शो के दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष मेरे से पद में बड़े हैं, उन्हें पता होगा कि मैं लाडवा से चुनाव लड़ रहा हूं या नहीं, लेकिन मैं करनाल से भी चुनाव ल़डूंगा।
नायब सैनी के मीडिया सलाहकारों ने भी बयान दिया कि चुनाव लड़ने की सीट को लेकर किसी तरह का विरोधाभास नहीं है। शनिवार को मुख्यमंत्री ने करनाल, लाडवा अथवा नारायणगढ़ में किसी सीट का नाम न लेकर इस असमंजस को असमंजस ही रहने दिया।
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12 सितंबर से पहले ना तो कोई सत्र बुलाया जाएगा और न ही विधानसभा भंग की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कानूनविदों से बातचीत कर रही है और पता चला है कि 12 सितंबर से पहले मानसून सत्र बुलाने की कोई बाध्यता नहीं है। भाजपा सरकार दूसरा कार्यकाल पूरा कर तीसरी बार राज्य में सरकार बनाएगी। यह भी पढ़ें- Haryana Election: सैलजा ने कांग्रेस हाईकमान पर बढ़ाया समर्थकों के टिकट का दबाव, सभी सीटों पर अलग से पैनल भेजेएनडीए में शामिल दलों के साथ भाजपा
मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन से जुड़े सवाल पर कहा कि जो राजनीतकि दल एनडीए का हिस्सा हैं, भाजपा भी उनके साथ है। बता दें कि हरियाणा लोकहित पार्टी एनडीए का हिस्सा है, जबकि जयन्त चौधरी की आरएलडी भी एनडीए में शामिल है। यह भी पढ़ें- Haryana Election 2024: सीएम नायब सैनी को नहीं मिल रही सेफ सीट, उदयभान बोले- बीजेपी की खिसक चुकी जमीन