Haryana News: राज्यसभा चुनाव में हुड्डा की जोड़तोड़ चलेगी या फिर नायब का जलवा, अग्नि परीक्षा से गुजरेंगे कांग्रेस-भाजपा
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा राज्यसभा चुनाव की अग्नि परीक्षा से गुजरेंगे। अब देखना है कि हुड्डा या नायब मैदान में कौन बाजी मारेगा। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद देश भर में राज्यसभा की 10 सीटें खाली हुई हैं। असम बिहार और महाराष्ट्र में दो-दो हरियाणा मध्य प्रदेश राजस्थान और त्रिपुरा में एक-एक राज्यसभा सीट खाली हुई है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा और कांग्रेस को एक और सियासी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। यह चुनौती है राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करने की। कांग्रेस के सामने जहां अपने हिस्से की राज्यसभा सीट को दोबारा अपने खाते में लाने की चुनौती होगी।
वहीं भाजपा के सामने अपने समर्थक विधायकों के संख्या बल के आधार पर राज्यसभा की इस सीट पर कब्जा करने की बड़ी चुनौती रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस चुनौती को कैसे अपने पक्ष में करते हैं, इस पर सभी राजनीतिक दलों की निगाह टिकी रहेगी।
राज्यसभा की 10 सीटें हुई खाली
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद देश भर में राज्यसभा की 10 सीटें खाली हुई हैं। असम, बिहार और महाराष्ट्र में दो-दो, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में एक-एक राज्यसभा सीट खाली हुई है। जिन सात राज्यों की 10 सीटों पर रिक्तियों की अधिसूचना जारी हुई है, उनमें सात सीटें भाजपा, दो कांग्रेस और एक राष्ट्रीय जनता दल के पास थीं।कांग्रेस और राजद दोनों ही आइएनडीआइए गठबंधन के प्रमुख घटक हैं। असम, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भाजपा उम्मीदवारों के आसानी से जीत हासिल करने की संभावना है। हरियाणा में खाली हुई सीट को जीतने के लिए भाजपा को कठिन चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा थे राज्यसभा सदस्य
हरियाणा से कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा राज्यसभा सदस्य थे, जो रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। अब दीपेंद्र हुड्डा और उनके पिता भूपेंद्र हुड्डा पर अपनी इस सीट को दोबारा जीतकर कांग्रेस के खाते में पहुंचाने का दबाव है। हुड्डा को जोडतोड़ की राजनीति का जबरदस्त खिलाड़ी माना जाता है।यह भी पढ़ें: ITI में दाखिला लेने वाली छात्राओं के लिए खुशखबरी, स्कॉलरशिप देने का किया एलान; महिला दिवस पर मिलेंगे 2500 रुपये
हुड्डा यदि राज्यसभा की यह सीट जीतने में कामयाब हो जाते हैं तो विधानसभा चुनाव से पहले इस गणित का भी खुलासा हो जाएगा कि जजपा, इनेलो और निर्दलीय विधायकों का भाजपा के प्रति कैसा रुख है। यदि हुड्डा चुनाव हारते हैं तो स्वाभाविक है कि भाजपा विपक्षी एकजुटता को छिन्न-भिन्न करने में कामयाब हो गई है।
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