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चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस ने भंग किया संगठन, सभी प्रकोष्ठ रद किए, पदाधिकारियों की भी छुट्टी

हरियाणा कांग्रेस ने पूर्व प्रधान अशोक तंवर के कार्यकाल में हुई सभी नियुक्तियों को रद करते हुए सभी मोर्चों को भंग कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Wed, 23 Oct 2019 08:42 AM (IST)
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चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस ने भंग किया संगठन, सभी प्रकोष्ठ रद किए, पदाधिकारियों की भी छुट्टी

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे अभी आने हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने संगठन के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं। पूर्व प्रधान अशोक तंवर के कार्यकाल में हुई सभी नियुक्तियों को रद करते हुए सभी मोर्चों को भंग कर दिया गया है। जल्द ही नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाया जाएगा जिसके बाद संगठन में पदाधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।

चंडीगढ़ में मंगलवार को पत्रकारों से रू-ब-रू पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा ने कहा कि अब केवल वही नियुक्तियां मान्य हैं जो चुनाव के दौरान आपात स्थिति में उन्होंने की थी। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफचलने वाले 18 नेताओं को छह साल के लिए बाहर किया जा चुका है।

वहीं, अशोक तंवर के इस्तीफे पर हाईकमान द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने संबंधी सवालों को कुमारी सैलजा ने टाल दिया। अशोक तंवर पूरे चुनाव प्रचार के दौरान जननायक जनता पार्टी के साथ मंच साझा करते रहे। इसके बावजूद पार्टी ने यह साफ नहीं किया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जा चुका है अथवा नहीं। इस दौरान पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई और कालका प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने भी अपनी बात रखी।

पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा, ईवीएम पर उठाए सवाल

सैलजा ने सभी एग्जिट पोल को खारिज करते हुए अपने दम पर सरकार बनाने का दावा किया है। गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए उन्होंने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान धारा 370 और पुलवामा जैसे राष्ट्रीय मुद्दे उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास किया है।

सैलजा ने कहा कि प्रदेश भाजपा को पिछले पांच वर्ष के दौरान कराए गए कार्यों तथा हरियाणा की जनता पर भरोसा नहीं था। यही वजह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में लेकर रखी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्रचार के दौरान हरियाणा के मुद्दों को उठाया। भाजपा के एक भी नेता ने इन मुद्दों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने 45 से अधिक सीटों पर चुनाव जीतने का दावा किया।  

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